'मोदी और नेहरू की तुलना नहीं हो सकती', राज्यसभा में बोले सुधांशु त्रिवेदी- पूर्व पीएम को एक भी वोट नहीं मिला था
धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सभापति धनखड़ ने विपक्ष की ओर से दिए गए तमाम नाम पुकारे लेकिन बायकाट के कारण वे सभी सदन में उपस्थित नहीं थे। इसके चलते केवल BJP की तरफ से बोलने वाले सांसदों ने ही प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। त्रिवेदी के भाषण पर विपक्षी दलों की नारेबाजी के कारण कई बार बाधा उत्पन्न हुई लेकिन वह पूरी रौ में नजर में आए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शुक्रवार से संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होनी थी, लेकिन लोकसभा में पूरा दिन नीट में गड़बडि़यों पर चर्चा की विपक्ष की आक्रामक मांग की भेंट चढ़ गया तो राज्यसभा भी बार-बार शोर-शराबे, हंगामे, स्थगन और अंतत: विपक्ष के बहिष्कार का शिकार हुई। हालांकि राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई और भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस को याद दिलाई कि कैसे उसे जब-जब सत्ता मिली तब-तब संविधान पर हमले किए गए।
विपक्ष श्रीराम के अस्तित्व तक को स्वीकार नहीं किया
त्रिवेदी ने तमाम ऐसे उदाहरण गिनाए, जिनमें संविधान की प्रस्तावना में किया गया बदलाव भी शामिल है। त्रिवेदी ने ही चर्चा की शुरुआत की और उन्होंने एक के बाद एक हमले करते हुए कांग्रेस पर संविधान को लेकर कथनी और करनी में भेद का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस संविधान की रक्षा बात कर रही है। यह वही कांग्रेस ने जिससे पूरी ताकत से बार-बार संविधान का लगातार अनादर किया।
कांग्रेस की इस टिप्पणी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी जवाहर लाल नेहरू की बराबरी नहीं कर सकते, पर त्रिवेदी ने कहा कि वह इससे सहमत हैं कि दोनों की तुलना नहीं हो सकती, क्योंकि मोदी को सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुना गया था, जबकि नेहरू को एक भी वोट नहीं मिला था। कुछ वोट पट्टाभि सीतारमैया को मिले थे, जबकि बाकी वोट सरदार पटेल को प्राप्त हुए थे।
आज विपक्षी दल कह रहे हैं कि भाजपा अयोध्या और दूसरे भगवान श्रीराम से जुड़े स्थानों में हार गई, लेकिन सच्चाई है कि इन दलों ने श्रीराम के अस्तित्व तक को स्वीकार नहीं किया।
कांग्रेस तीन चुनाव के बाद भी तीन अंकों तक नहीं पहुंच पाई
त्रिवेदी के भाषण पर विपक्षी दलों की नारेबाजी के कारण कई बार बाधा उत्पन्न हुई, लेकिन वह पूरी रौ में विपक्ष और खासकर कांग्रेस को घेरते रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तीन चुनाव के बाद भी तीन अंकों तक नहीं पहुंच पाई और फिर भी इतनी खुश है। इसके पीछे वह मानसिकता है कि जिसमें फेल होने वाला बच्चा यदि थर्ड डिवीजन से भी पास हो जाए तो उसे बहुत खुशी होती है। तीसरी बार में भी तीन अंकों तक न पहुंचने वाले आखिर क्यों पटाखे दाग रहे हैं। बीते चालीस साल से कांग्रेस को 240 सीटें नहीं मिल पाई हैं। सिर्फ नरसिम्हा राव को 232 सीटें मिली थीं।
आपातकाल के दौरान फिल्मकार को भी जेल में डाल दिया: राकेश सिन्हा
भाजपा के राकेश सिन्हा ने इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि जिस पार्टी ने वामपंथी सोच वाले फिल्मकार बलराज साहनी और मजरूह सुल्तानपुरी को सिर्फ इसलिए जेल में डाल दिया कि उन्होंने सरकार की आलोचना की थी, उसे संविधान पर बोलने का कोई हक नहीं है।
भाजपा सांसद भीम सिंह ने राहुल गांधी पर कसा तंज
भाजपा के ही कृष्ण लाल पंवार और भीम सिंह ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। भीम सिंह ने भी संविधान और आरक्षण की रक्षा के कांग्रेस के दावे को लेकर उसे कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने ओबीसी आरक्षण के लिए काका कालेलकर की रिपोर्ट लागू नहीं की थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मंडल आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वीपी सिंह सरकार द्वारा लागू किए जा रहे आरक्षण का संसद में विरोध किया था। आश्चर्य की बात है कि उनके पुत्र राहुल गांधी संविधान और आरक्षण की रक्षा की बात कर रहे हैं।