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झारखंड चुनाव: केंद्र के फंड का सोरेन से हिसाब... कोयला रॉयल्टी को लेकर कांग्रेस का BJP पर हमला

आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड भाजपा का घोषणापत्र जारी किया। कांग्रेस ने रविवार को कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र से यह स्पष्ट है कि उसका एकमात्र चुनावी मुद्दा ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक वायरस का प्रसार है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट कर बीजेपी पर तंज कसा।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Sun, 03 Nov 2024 08:00 PM (IST)
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। झारखंड चुनाव का पारा चढ़ने के साथ ही सूबे की आर्थिक व्यवस्था को लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच वार-पलटवार का दांव तेज होने लगा है। केंद्र के फंड का सोरेन से हिसाब मांगने के जवाब में कांग्रेस ने रविवार को कोयला रॉयल्टी समेत झारखंड के बकाए 1.36 लाख करोड़ रूपए नहीं दिए जाने को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा।

कांग्रेस बोली- बीजेपी हिसाब दे

झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करने का केंद्र पर आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए कि राज्य का बकाया अभी तक जारी क्यों नहीं किया गया है। भाजपा को घेरते हुए कांग्रेस ने कहा कि वोट मांगने से पहले इस बकाए में देरी पर झारखंड की जनता को हिसाब देना होगा।

भाजपा का चुनावी घोषणापत्र

झारखंड में भाजपा का चुनावी घोषणापत्र जारी होने से ठीक पहले कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को राज्य के बकाए का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर एक बयान जारी करते हुए केंद्र और भाजपा दोनों को घेरने का प्रयास किया। जयराम ने दावा किया कि केंद्र पर झारखंड का कोयला रॉयल्टी और केंद्रीय योजना लाभ के रूप में लाखों करोड़ रुपए बकाया है।

कोयले की रॉयल्टी बवाल

उनके मुताबिक झारखंड में कोयला खदानों का संचालन कोल इंडिया लिमिटेड की सहायक कंपनियों द्वारा किया जाता है, जिन पर राज्य सरकार का काफी ज्यादा पैसा बकाया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखंड का भूमि मुआवजे का 1,01,142 करोड़ रुपए, कॉमन कॉज के तहत 32,000 करोड़ रुपए और धुले हुए कोयले की रॉयल्टी के 2,500 करोड़ रुपए बकाया है।

  • इस बकाए के लिए केंद्र की उदासीनता को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश करते हुए जयराम ने प्रधानमंत्री से सवाल किया और कहा कि आखिर इन सभी मदों की राशि जारी क्यों नहीं की गई है।
  • बकाए को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के साथ विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों से केंद्र के अलग व्यवहार के आरोपों को हवा देने की कोशिश की और पूछा कि क्या झामुमो-कांग्रेस गठबंधन को वोट देने पर झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
  • झारखंड भाजपा के नेतृत्व को भी इस मामले में घेरते हुए कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि वह प्रदेश के लिए कोई फंड सुनिश्चित करने में असमर्थ क्यों हैं और वोट मांगने से पूर्व भाजपा को 1.36 लाख करोड़ रुपए अब तक जारी नहीं किए जाने का हिसाब देना होगा।
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