सीएए लागू होने के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार को बधाई देते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखायह कानून अफगानिस्तान पाकिस्तान व बांग्लादेश के हिंदू सिख जैन बौद्ध पारसी ईसाई आदि धार्मिक उत्पीड़न के शिकार भाई-बहनों को हमारे देश में नागरिकता प्रदान कर दशकों पूर्व उनके साथ किए गए वादे पूर्ण करने व पुनर्वास सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार (11 मार्च) को सीएए लागू कर दिया है। भाजपा ने इसे एतिहासिक कदम बताया है। वहीं, मोदी सरकार के इस फैसले ने विपक्षी दलों में बेचैनी पैदा कर दी है। कांग्रेस और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए लागू करने की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीएए की अधिसूचना जारी होने पर मोदी सरकार को बधाई देते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा। उन्होंने लिखा, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज 'नागरिकता संशोधन कानून- 2024' का लागू होना हमारे सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।
यह कानून अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बांग्लादेश के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई आदि धार्मिक उत्पीड़न के शिकार भाई-बहनों को हमारे देश में नागरिकता प्रदान कर दशकों पूर्व उनके साथ किए गए वादे पूर्ण करने व पुनर्वास सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। मैं इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मोदी जी का आभार प्रकट करता हूं व गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का धन्यवाद देता हूं।
विपक्षी नेताओं में मच खलबली
कांग्रेस से लेकर ओवैसी तक सभी ने सीएए के विरोध में बयान दिया है। हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि किस नेता का आखिर सीएए पर क्या कहना है।
दिग्विजय सिंह ने टाइमिंग पर उठाए सवाल
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि सीएए को लेकर केंद्र सरकार ने इतनी देरी क्यों की। अब इतनी देरी कर ही दी थी, तो चुनाव के बाद ही लागू कर देते। भाजपा का लक्ष्य है कि वह हर मुद्दे को हिंदू और मुस्लिम करना चाहती है।
केरल सीएम ने कहा- नहीं करेंगे लागू
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सीएए को सांप्रदायिक बताया है। उन्होंने कहा कि यह विभाजनकारी कानून है। इसको केरल में लागू नहीं करेंगे।
पहले चुनावी मौसम, फिर सीएए के नियम- औवैसी
हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए की टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध सीएए पर जारी रहेगा। यह एक विभाजनकारी कानून है। यह गोडसे की सोच पर आधारित है, जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बताता है। चुनाव के आते ही सीएए के नियमों को लेकर आए हैं।
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