पूर्वोत्तर में मिले समर्थन के बाद दक्षिण भारत के लिए भाजपा तैयार, विकास के एजेंडे के साथ मिशन केरल शुरू
मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनाव में मिले समर्थन से उत्साहित भाजपा ने विकास के एजेंडे के साथ मिशन केरल शुरू कर दिया है। भाजपा की कोशिश कांग्रेस और वामपंथी दलों की आपसी मिलीभगत का पर्दाफाश करते हुए विपक्ष के खाली स्थान को भरने की है। File Photo
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 03 Mar 2023 11:04 PM (IST)
नीलू रंजन, नई दिल्ली। मेघालय और नगालैंड विधानसभा चुनाव में मिले समर्थन से उत्साहित भाजपा ने विकास के एजेंडे के साथ मिशन केरल शुरू कर दिया है। भाजपा की कोशिश कांग्रेस और वामपंथी दलों की आपसी मिलीभगत का पर्दाफाश करते हुए विपक्ष के खाली स्थान को भरने की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जल्द ही केरल में भाजपा गठबंधन की सरकार बनने का भरोसा जताकर इसका साफ संकेत दे दिया था। केरल के ईसाई समुदाय से आने वाले भाजपा नेता टाम वडक्कन ने आपसी मिलीगत को लेकर कांग्रेस और सीपीएम दोनों पर हमला बोला।
उनके अनुसार, आपसी कलह से जूझ रही कांग्रेस 2024 में वायनाड से राहुल गांधी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सीपीएम के साथ तालमेल करने की कोशिश कर रही है। उनके अनुसार पंचायत व नगर निकाय चुनावों में उनका यह अनैतिक गठबंधन साफ साफ देखा जा सकता है, जो अब लोकसभा और विधानसभा चुनावों तक भी जा सकता है।
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में कांग्रेस और सीपीएम के गठबंधन ने साफ कर दिया कि केरल में उनकी दुश्मनी सिर्फ दिखावा है और अंदरखाने दोनों एक ही हैं। पूर्वोत्तर के राज्यों और गोवा के साथ ही केरल ऐसा राज्य है, जहां ईसाई आबादी ज्यादा है। केरल में लगभग 20 फीसद आबादी ईसाई समुदाय की है।
बता दें कि भाजपा की नजर सबसे पहले इसी ईसाई समुदाय है, जो अभी तक सामान्य रूप से कांग्रेस का वोटबैंक रहा है। भाजपा की कोशिश विकास के एजेंडे के साथ ईसाई समुदाय को जोड़ने की है। टाम वडक्कन के अनुसार विकास का कोई धर्म नहीं होता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी धार्मिक और क्षेत्रीय भेदभाव के बिना देश के सभी लोगों तक विकास की योजनाओं का लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं। गुरूवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि नगालैंड और मेघालय में मिला समर्थन भाजपा के अल्पसंख्यक विरोधी होने के विपक्ष के प्रोपेगेंडा की पोल खोल दी है।
इससे उन्होंने साफ कर दिया कि भाजपा अल्पसंख्यक विरोधी नहीं है, बल्कि यह सिर्फ विपक्ष की ओर फैलाया गया भ्रम है। उनके अनुसार गोवा के अल्पसंख्यक समुदाय ने पहले ही इस प्रोपेगेंडा को समझ लिया था और भाजपा को अपना लिया था। भाजपा को उम्मीद है कि केरल का ईसाई समुदाय के लिए भी विकास के एजेंडे पर भाजपा को समर्थन देने में दिक्कत नहीं होगी।