BJP Political Strategy: त्रिपुरा में सीएम बदलकर भाजपा ने अपनी पुरानी रणनीति ही दोहराई, 2019 से पार्टी ने बदले हैं पांच मुख्यमंत्री
त्रिपुरा में मुख्यमंत्री बदलकर भाजपा ने अपनी पुरानी रणनीति ही दोहराई है। साहा पूर्वोत्तर में कांग्रेस से भाजपा में आने वाले चौथे ऐसे नेता जो सीएम बने हैं। पिछले साल भाजपा ने विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया था।
By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 15 May 2022 06:58 AM (IST)
नई दिल्ली, प्रेट्र: भाजपा ने त्रिपुरा में परोक्ष तौर पर सत्ता विरोधी लहर से पार पाने और पार्टी पदाधिकारियों के भीतर किसी भी तरह के असंतोष को दूर करने के एक प्रयास के तहत राज्य विधानसभा चुनाव में एक नए चेहरे (डा. माणिक साहा) के साथ उतरने की अपनी रणनीति अपनाई जो पूर्व में भी सफल रही है। उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बदलने का दांव सफल रहने के मद्देनजर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने त्रिपुरा में भी इसी तरह के बदलाव का विकल्प चुना, जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं।
गुजरात और कर्नाटक समेत बदले गए पांच मुख्यमंत्रीभाजपा ने 2019 के बाद से गुजरात और कर्नाटक सहित पांच मुख्यमंत्रियों को बदला है। डा. साहा पूर्वोत्तर से ऐसे चौथे पूर्व कांग्रेस नेता हैं जो भाजपा में शामिल होने के बाद क्षेत्र में मुख्यमंत्री बनेंगे। यह इसका स्पष्ट संकेत है कि किसी भी नेता का चुनाव संबंधी मूल्य पार्टी के लिए सर्वोपरि है। असम के हिमंत बिस्वा सरमा, अरुणाचल प्रदेश में पेमा खांडू और मणिपुर में एन. बीरेन सिंह अन्य मुख्यमंत्री हैं जो पहले कांग्रेस में थे।
भाजपा की रणनीति पर विपक्ष ने साधा निशानाविपक्ष ने हालांकि भाजपा पर अपने मुख्यमंत्रियों को हटाने के लिए निशाना साधा है, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ये परिवर्तन पार्टी नेतृत्व के जमीनी स्थिति के विश्लेषण और उसके अनुसार कदम उठाने की उसकी तत्परता को रेखांकित करते हैं। भाजपा के एक नेता ने कहा कि पिछले दो-तीन वर्षों में मुख्यमंत्रियों को बदले जाने के पीछे मोटे तौर पर तीन कारक रहे हैं। ये हैं, 'जमीन पर काम, संगठन को अच्छी स्थिति में रखना और नेता की लोकप्रियता।' 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्यमंत्रियों को उनके हिसाब से काम करने की स्वतंत्रता देने के पक्ष में रहे हैं, लेकिन झारखंड विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार के साथ ही मुख्यमंत्री रघुबर दास के स्वयं अपनी सीट गंवाने के बाद पार्टी को नेतृत्व परिवर्तन करने की जरूरत का अहसास हुआ। सूत्रों ने बताया कि चुनाव नतीजों की घोषणा के कुछ दिनों के भीतर ही भाजपा अपने पूर्व नेता बाबूलाल मरांडी को वापस ले आई, जिन्होंने अपना खुद का राजनीतिक दल बना लिया था।
भाजपा ने 2019 से बदले पांच मुख्यमंत्रीपिछले साल सितंबर में, भाजपा ने विजय रूपाणी को हटाकर भूपेंद्र पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया था जो राज्य में संख्यात्मक रूप से महत्वपूर्ण पटेल समुदाय से आते हैं। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलते हुए भाजपा ने लिंगायत समुदाय से आने वाले बीएस येदियुरप्पा की जगह एक अन्य लिंगायत नेता बासवराज एस. बोम्मई को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया था। भाजपा ने उत्तराखंड में दो ठाकुर मुख्यमंत्रियों की जगह एक अन्य ठाकुर नेता को नियुक्त किया। असम में पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने पांच साल मुख्यमंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल की जगह हिमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री बनाया था। हालांकि, इसे पार्टी द्वारा सरमा को पुरस्कृत करना अधिक माना जाता गया।