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अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हटने पर भाजपा का तंज, कहा- यह है नया रिमोट कंट्रोल खोजने की दौड़

अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से हटने पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गुरुवार को कहा कि यह कभी भी चुनाव नहीं था बल्कि सबसे सुविधाजनक रिमोट कंट्रोल का चयन था।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Fri, 30 Sep 2022 04:30 AM (IST)
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कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव को लेकर भाजपा का तंज
नई दिल्ली, एएनआइ: अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद की दौड़ से हटने पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गुरुवार को कहा कि यह कभी भी चुनाव नहीं था, बल्कि सबसे सुविधाजनक रिमोट कंट्रोल का चयन था। पूनावाला ने कहा, 'चूंकि गहलोत, जो अब तक भरोसेमंद वफादार थे, ने रविवार को जयपुर में परिवार के साथ बेवफाई की थी इसलिए वह अब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के योग्य नहीं हैं। यह साबित करता है कि यह कभी भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं था, बल्कि सबसे सुविधाजनक दरबारी का चयन था जो गांधी परिवार के लिए रिमोट कंट्रोल बन सके।

भाजपा ने पूरे मामले पर ली चुटकी

चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा, 'गुस्ताख-ए-परिवार की एक ही सजा, गहलोत अध्यक्ष से जुदा।' भाजपा प्रवक्ता ने कहा, पी. चिदंबरम ने सब कुछ उजागर कर दिया था जब उन्होंने कहा था कि अगला अध्यक्ष जो भी होगा, गांधी परिवार का एक प्रमुख स्थान होगा। दिग्विजय सिंह के मैदान में उतरने के बारे में उन्होंने कहा कि गहलोत की जगह लेने के लिए नया डमी उम्मीदवार चुना जाएगा। भाजपा नेता अमित मालवीय ने भी कहा कि गहलोत ने अपना सीएम पद बरकरार रखा, एक रिमोट नियंत्रित कांग्रेस अध्यक्ष होने की शर्मिंदगी से खुद को बचाया, सचिन पायलट को फिर रोक दिया, राजस्थान में कांग्रेस को तोड़ने और 2023 में चुनाव लड़ने का विकल्प खुला रखा और सोनिया की अजेयता की आभा को तोड़ दिया।

अशोक गहलोत नहीं लड़ेंगे चुनाव

आपको बता दें, सोनिया गांधी से डेढ़ घंटे की लंबी मुलाकात के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की तो दिग्विजय सिंह ने चुनावी फार्म हासिल कर नामांकन करने का एलान किया। इसके बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष की उम्मीदवारी को लेकर चल रहा असमंजस खत्म नहीं हुआ है। पार्टी में मुकुल वासनिक के तीसरे उम्मीदवार बनने को लेकर चर्चा गर्म है जिससे यह चुनाव सियासी थ्रिलर बन गया है।