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Emergency: भाजपा ने आपातकाल की बरसी पर कांग्रेस को लिया आड़े हाथ, पढ़ें शाह से लेकर नड्डा ने क्या कुछ कहा?

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने भारत के लोगों पर क्रूर अत्याचार किए। वहीं जेपी नड्डा ने आपातकाल की बरसी पर सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए कहा कि संविधान का रक्षक बनकर घूम रहे विपक्षी नेताओं का मुखौटा जनता के सामने उतारेंगे। भाजपा ने मंगलवार को देशभर में आपातकाल की 50वीं बरसी पर काला दिवस मनाया।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Tue, 25 Jun 2024 07:26 PM (IST)
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भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को बताया संविधान विरोधी। फाइल फोटो।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान और 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में विपक्ष जहां संविधान को ही सरकार के विरुद्ध अस्त्र बनाने का प्रयास कर रहा है, वहीं भाजपा ने भी उसी अस्त्र को और धार देकर खास तौर पर कांग्रेस पर पलटवार किया है। 25 जून 1975 को देश में लगाए गए आपातकाल की याद दिलाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को संविधान विरोधी बताया।

भाजपा ने मनाया काला दिवस

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने भारत के लोगों पर क्रूर अत्याचार किए। वहीं, पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आपातकाल की बरसी पर सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए कहा कि संविधान का रक्षक बनकर घूम रहे विपक्षी नेताओं का मुखौटा जनता के सामने उतारेंगे। भाजपा ने मंगलवार को देशभर में आपातकाल की 50वीं बरसी पर काला दिवस मनाया।

गृह मंत्री अमित शाह ने क्या कहा?

गृह मंत्री शाह ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया- 'एक खास परिवार को सत्ता में बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने कई बार हमारे संविधान की भावना को कुचला। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने भारत के लोगों पर क्रूर अत्याचार किए।' कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी के युवराज यह भूल गए हैं कि उनकी दादी ने आपातकाल लगाया था और उनके पिता राजीव गांधी ने 23 जुलाई, 1985 को इस भयावह घटना पर बहुत गर्व करते हुए लोकसभा में कहा था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

कांग्रेस को पसंद है परिवार और सत्ताः शाह

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ने यहां तक कहा था कि अगर इस देश का कोई भी प्रधानमंत्री इन परिस्थितियों में यह महसूस करता है कि आपातकाल आवश्यक है और वह आपातकाल लागू नहीं करता है तो वह प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं है। तानाशाही पर गर्व करने का यह कृत्य दर्शाता है कि कांग्रेस को परिवार और सत्ता के अलावा और कुछ प्रिय नहीं है।'

RSS स्वयंसेवकों पर क्या बोले जेपी नड्डा?

इसी तरह भाजपा केंद्रीय कार्यालय में '25 जून 1975: लोकतंत्र का काला दिवस, कभी न भूलने वाला आपातकाल' विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि लोकतंत्र का गला घोंटने का जो कुत्सित प्रयास हुआ था, वह आगे भी चुनौती है, इसलिए देशवासियों को सतर्क रहना होगा। आपातकाल का विरोध करने वाले जिन एक लाख 40 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें सबसे अधिक लोग भाजपा की विचारधारा वाले ही थे। उसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों की भी बड़ी भूमिका थी।

राहुल गांधी ने नहीं पढ़ा है इतिहासः नड्डा

उन्होंने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि शायद इतिहास नहीं पढ़ा है। कांग्रेस के सोच और कार्यशैली में प्रजातंत्र की गुंजाइश ही नहीं है। इन दिनों संविधान की प्रतियों को लेकर प्रदर्शन, रैली व कार्यक्रम करने वाले विपक्षी नेताओं पर तंज कसा कि जो नेता आजकल संविधान की प्रति लेकर घूम रहे हैं, वह पहले इतिहास पढ़ें और फिर राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि के समक्ष माफी मांगें।

उन्होंने याद दिलाया कि संविधान की बात करने वाली कांग्रेस ने ही देश में चुनी हुई सरकारों को 90 बार गिराया है। अपनी ही सरकार के अध्यादेश को राहुल गांधी ने ही फाड़ा था।

स्पीकर चुनाव पर भी दोहरी मानसिकता

भाजपा अध्यक्ष ने विपक्ष द्वारा लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को लेकर दी जा रही परंपरा की दुहाई पर भी दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी शर्त लगा रहे हैं कि लोकसभा अध्यक्ष भाजपा का बन जाने देंगे यदि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाए। नड्डा ने प्रश्न किया- क्या लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी शर्त पर होता है? उन्होंने कहा कि तेलंगाना, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और केरल में इन्हीं विपक्षी दलों की सरकारें हैं। वहां स्पीकर भी इनके हैं और डिप्टी स्पीकर भी। यह लोग दोहरी मानसिकता के साथ जीते हैं।

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