2019 में हारे लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा आयोजित करेगी पीएम की 40 रैलियां, 104 सीटों पर अन्य मंत्री करेंगे दौरे
वर्ष 2019 के आम चुनावों में हारी 144 सीटों पर भाजपा 40 रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर क्लस्टर में एक रैली को संबोधित कर सकते हैं। उनके ठहराव के दौरान क्लस्टर प्रभारी को प्रभावशाली स्थानीय शख्सियतों के साथ नियमित रूप से बैठकें करनी होंगी।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 09 Oct 2022 09:15 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। वर्ष 2019 के आम चुनावों में हारी 144 सीटों पर भाजपा 40 रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर क्लस्टर में एक रैली को संबोधित कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, लोकसभा प्रवास योजना फेस-2 के तहत भाजपा की योजना है कि देशभर में 144 कमजोर या हारी हुईं लोकसभा सीटों में से 40 स्थानों पर प्रधानमंत्री मोदी 40 बड़ी रैलियों को संबोधित करेंगे। बाकी 104 सीटों पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय मंत्री दौरे करेंगे और पार्टी की लिए जनसभाएं करेंगे।
क्लस्टर प्रभारी को करनी होगी बैठकें
पार्टी की रणनीति यह है कि उनके ठहराव के दौरान क्लस्टर प्रभारी को प्रभावशाली स्थानीय शख्सियतों के साथ नियमित रूप से बैठकें करनी होंगी, भाजपा के स्थानीय असंतुष्ट नेताओं की शिकायतों को सुनना होगा और उनका समाधान करना होगा। प्रवास योजना फेस-2 के तहत केंद्रीय मंत्रियों को पांच सूत्रीय कार्य करने होंगे। पहला- अभियान की योजना का क्रियान्वयन, दूसरा- जनसंपर्क कार्यक्रम चलाना, तीसरा- राजनीतिक प्रबंधन, चौथा- नरैटिव प्रबंधन की स्थापना और पांचवा- क्लस्टर के लोकसभा क्षेत्र में रात्रि ठहराव।
बंद कमरे में भी होगी बैठक
रात्रि ठहराव के दौरान क्लस्टर के प्रभारी कैबिनेट मंत्री को स्थानीय धार्मिक नेताओं, संतों और विभिन्न समुदायों के स्थानीय नेताओं के साथ उनके घर या अन्य स्थानों पर बंद कमरे में बैठकें करनी होंगी और स्थानीय समुदाय के उत्सवों व रस्मों, स्थानीय मेलों व स्थानीय स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सेदारी करनी होगी।वर्चुअल बैठकें पर भी जोर
संघ के सभी संबद्ध संगठनों के स्थानीय अधिकारियों और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रभारी मंत्रियों और संगठन के प्रभारी नेता के साथ बैठक भी आयोजित करनी होगी। संघ के सभी संबद्ध संगठनों के स्थानीय अधिकारियों और प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रभारी मंत्रियों और संगठन के प्रभारी नेता के साथ बैठक भी आयोजित करनी होगी। इसके अलावा स्थानीय प्रभावी मतदाताओं विशेष रूप से वकीलों, डाक्टरों, प्रोफेसरों, व्यवसायियों और अन्य पेशेवरों के साथ भी नियमित वर्चुअल बैठकें करनी होंगी।
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