Budget 2024: सिर्फ दो राज्यों की थाली में पकोड़ा' आम बजट को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
आम बजट 2024 पर विपक्षी नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने राज्यों के साथ भेदभाव किया। वहीं आज राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा चल रही है। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस बजट में दो राज्यों को छोड़कर किसी राज्यों को कुछ नहीं मिला। सिर्फ दो राज्यों की थाली में पकोड़ा दिया गया।
एएनआई, नई दिल्ली। राज्यसभा में आज आम बजट पर चर्चा हो रही है। हालांकि, विपक्षी नेताओं का मानना है कि आम बजट में मोदी सरकार ने दो राज्यों को छोड़कर किसी राज्यों को कुछ नहीं दिया। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने राज्यों के साथ भेदभाव किया है।
ये कुर्सी बचाने वाला बजट: खरगे
राज्यसभा में आज आम बजट को लेकर चल रही है। चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, इस बजट में दो राज्यों को छोड़कर, किसी राज्यों को कुछ नहीं मिला। ऐसा बजट मैंने कभी नहीं देखा। सिर्फ दो राज्यों की थाली में पकोड़ा दिया गया। ये कुर्सी बचाने के लिए ये सब हुआ है।हम इसकी निंदा करेंगे और इसका विरोध करते। सभी आई.एन.डी.आई. गठबंधन इस बजट का विरोध कर रही है। अगर संतुलन नहीं होगा तो विकास कैसे होगा?"
#WATCH | Before the Opposition walked out of Rajya Sabha over 'discriminatory' Budget, LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge said, "...Yeh kursi bachane ke liye yeh sab hua hai...We will condemn it and protest against it. All INDIA alliance parties will protest...How will… pic.twitter.com/i00BsjXuhL
— ANI (@ANI) July 24, 2024
खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री ने दिया जवाब
वहीं, खरगे के आरोपों का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। उन्होंने कहा,"हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है?वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।"