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Election 2020: बिहार में दूसरे चरण के चुनाव के साथ 10 राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव आज

बिहार विधानसभा चुनाव के साथ बुधवार को दस अन्य राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी मतदान होंगे। ऐसे में ये उपचुनाव देश की राजनीति के लिए खासे अहम साबित हो सकते हैं। बिहार में दूसरे चरण में 17 जिले की 94 सीटों पर मतदान हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Tue, 03 Nov 2020 12:43 AM (IST)
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दस राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के साथ बुधवार को दस अन्य राज्यों की 54 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी मतदान होंगे। ऐसे में ये उपचुनाव देश की राजनीति के लिए खासे अहम साबित हो सकते हैं। बिहार में दूसरे चरण में 17 जिले की 94 सीटों पर मतदान हैं। दो करोड़ 86 लाख से भी ज्यादा मतदाता 1,463 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।

बता दें कि राज्यों की विधानसभाओं में फिलहाल 63 सीटें खाली हैं। इनमें से कुल 56 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिनमें से 54 सीटों पर कल मतदान होगा। इन उपचुनावों के नतीजे 10 नवंबर को घोषित कर दिए जाएंगे। मणिपुर की दो विधानसभा सीटों पर सात नवंबर को मतदान होगा। वहीं, केरल, तमिलनाडु, असम और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में वहां की सात सीटों पर उपचुनाव टाल दिए गए हैं।

कहां कितनी सीटों पर हो रहे हैं उपचुनाव

उपचुनाव में सबसे ज्यादा 28 सीटों पर मध्यप्रदेश में मतदान होगा। इसके साथ ही गुजरात में आठ, उत्तर प्रदेश में सात, कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड और नागालैंड में दो-दो और तेलंगाना, छत्तीसगढ़, हरियाणा में एक-एक विधानसभा सीट पर मतदान होगा। 

मध्यप्रदेश में उपचुनाव का गणित

मध्यप्रदेश में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उनमें से 25 सीटें वही हैं जहां कांग्रेस के विधायक ने इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी और शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री चुने गए थे। बता दें कि प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 88, चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा का विधायक है। भाजपा को बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र नौ सीटों पर जीत दर्ज करने की जरूरत है, जबकि कांग्रेस को इसके लिए सभी 28 सीटों पर जीत हासिल करनी होगी।

गुजरात की आठ सीटों पर भाजपा की परीक्षा

कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे की वजह से गुजरात की आठ सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। हालांकि, गुजरात में उपचुनाव का सरकार पर कोई सीधा असर नहीं पड़ेगा। 182 सीटों वाले सदन में भाजपा के पास 103 सीटें हैं। वहीं, कांग्रेस के पास फिलहाल महज 65 सीटें हैं। हालांकि, इस उपचुनाव का परिणाम यह बताएगा कि मतदाता का रुख क्या है। कांग्रेस से भाजपा में आए आठ नेताओं में से पांच को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।

उत्तर प्रदेश में सात सीटों पर मतदान

उत्तर प्रदेश की जिन सात सीटों पर चुनाव हो रहा है उनमें छह पर पार्टी ने दशकों बाद जीत हासिल की थी। एक सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी। माना जा रहा है कि इन उपचुनावों में योगी आदित्यनाथ सरकार को खासी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। 

इन राज्यों में दो-दो सीटों पर चुनाव 

कर्नाटक, झारखंड, नगालैंड और मणिपुर में दो-दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव होंगे। कर्नाटक में जनता दल-सेक्युलर के उम्मीदवार बी सत्यनारायण के निधन के बाद सिरा सीट खाली हो गई थी। कांग्रेस विधायक मुनिरत्न नायडू के भाजपा में चले जाने के बाद जुलाई 2019 में आरआर नगर सीट खाली हुई थी। ओडिशा में, तीर्थोल और बालासोर सदर सीट पर चुनाव हो रहे हैं। इधर झारखंड में दुमका और बेरमो विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। नागालैंड के कोहिमा में दक्षिणी अंगामी-आई सीट और किफिर जिले की पुंग्रो-किफायर सीट पर उपचुनाव होने हैं।

इन राज्यों में एक-एक सीट पर चुनाव

तेलंगाना में डबका विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होना है। यहां सत्तारूढ़ टीआरएस के विधायक सोलीपराम रामलिंग रेड्डी के आकस्मिक निधन के बाद यह सीट खाली हो गई। छत्तीसगढ़ में अजित जोगी के निधन से खाली हुई मरवाही सीट पर उपचुनाव है। इसके अलावा हरियाणा के सोनीपत में बड़ौदा विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस विधायक श्रीकृष्ण हुड्डा के निधन के कारण रिक्त होने के बाद उपचुनाव कराना जरूरी हो गया है।