एनसीआइएम बिल में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी, चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में होगा मददगार
National Commission for NCIM bill केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली पर राष्ट्रीय आयोग विधेयक 2019 में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली पर राष्ट्रीय आयोग विधेयक 2019 में आधिकारिक संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी जो राज्यसभा में लंबित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, प्रस्तावित कानून भारतीय चिकित्सा शिक्षा प्रणाली में जरूरी नियामक सुधार सुनिश्चित करने में मददगार होगा। प्रस्तावित नियामक ढांचे से पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी जो आम लोगों के हितों की सुरक्षा करने में सहायक होगी।
चिकित्सा पेशेवरों की होगी उपलब्धता
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय चिकित्सा प्रणाली पर राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएम) देश के सभी हिस्सों में वहनीय स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता को प्रोत्साहित करेगा। भारतीय चिकित्सा प्रणाली पर राष्ट्रीय आयोग का मुख्य उद्देश्य भारतीय चिकित्सा प्रणाली में चिकित्सा सेवाओं के सभी आयामों में उच्च आचार एवं मानक सुनिश्चित करने के साथ पर्याप्त संख्या में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा पेशेवरों की आपूर्ति भी सुनिश्चित करेगा।
होम्योपैथी से जुड़े बिल में संशोधन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग बिल में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (एचसीसी) अधिनियम, 1973 में संशोधन किया जाएगा। इस विधेयक में होम्योपैथी की शिक्षा, चिकित्सा पेशा, मेडिकल संस्थानों से जुड़े विभिन्न पहलुओं के विकास और रेगुलेशन के लिए एक राष्ट्रीय आयोग गठित करने और आयोग को सलाह देने के लिए एक परामर्श परिषद गठित करने का प्रावधान है। इसमें तीन स्वायत्त बोर्ड गठित करने का भी प्रावधान शामिल है। इस विधेयक के तहत होम्योपैथी की स्नातक एवं परास्नातक शिक्षा के लिए एक समान राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा अलग-अलग आयोजित की जाएगी।
नई परियोजनाओं के लिए पूर्वोत्तर परिषद का 30 फीसद बजट
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्वोत्तर परिषद के बजट में से 30 प्रतिशत राशि का आवंटन वंचित क्षेत्रों, समाज के उपेक्षित वगरें तथा उभरते प्राथमिक क्षेत्रों पर केंद्रित विकास की नई परियोजनाओं के लिए करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्य के बजट का 30 प्रतिशत आवंटन उपेक्षित क्षेत्र, उपेक्षित वर्ग एवं उभरते हुए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए होगा। इस व्यवस्था से सरलीकरण होगा, काम की गति बढ़ेगी और विकास के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि इससे पूर्वोत्तर के वंचित क्षेत्र एवं समाज के वंचित वर्गो को लाभ मिलेगा।