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दिल्ली अध्यादेश पर मोदी सरकार को मिल सकता है एक और पार्टी का साथ, अगले सप्ताह संसद में पेश होगा विधेयक

दिल्ली अध्यादेश पर मोदी सरकार को एक और पार्टी का साथ मिल सकता है। दिल्ली अध्यादेश को अगले सप्ताह संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 दिल्ली विधानसभा की विधायी क्षमता से कुछ सेवाओं को बाहर करते हुए मई में केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को बदलने का प्रयास करता है।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 28 Jul 2023 02:37 PM (IST)
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दिल्ली अध्यादेश पर केंद्र को मिल सकता है एक और पार्टी का साथ, अगले सप्ताह संसद में पेश होगा विधेयक
नई दिल्ली, एएनआई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश को बदलने वाले एक विधेयक पर अपनी पार्टी द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं करने को लेकर पूछे गए सवाल पर बीजू जनता दल (बीजेडी) के राज्यसभा सदस्य अमर पटनायक ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी के भीतर 'आंतरिक चर्चा' को उजागर नहीं किया जा सकता है। इस पर पार्टी उचित समय पर निर्णय लेगी।

'पहले विधेयक पेश होने दीजिए'

अमर पटनायक ने कहा कि पार्टी उचित समय पर अपना रुख स्पष्ट करेगी। पहले विधेयक पेश होने दीजिए। ओडिशा के मुख्यमंत्री और हमारे पार्टी अध्यक्ष उचित समय पर निर्णय लेंगे।

केंद्र के अध्यादेश को बदलने का प्रयास

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023, दिल्ली विधानसभा की विधायी क्षमता से कुछ सेवाओं को बाहर करते हुए मई में केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश को बदलने का प्रयास करता है। यह अध्यादेश दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में लाया गया था।

जदयू ने जारी किया व्हिप

इससे पहले, जनता दल (यूनाइटेड) यानी जद (यू) ने राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश समेत राज्यसभा और लोकसभा के सभी सदस्यों को तीन लाइन व्हिप जारी किया है। इस व्हिप में सभी सदस्यों को 27 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक सदन में मौजूद रहने और दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक के खिलाफ वोट करने के लिए कहा गया है।

जदयू के मुख्य सचेतक ने क्या कहा?

राज्यसभा में जद (यू) के मुख्य सचेतक अनिल प्रसाद हेगड़े ने कहा कि पार्टी के सभी सांसदों से कहा गया है कि विधेयक पर अगले सप्ताह मतदान होने पर पार्टी के रुख का समर्थन करें। उन्होंने कहा कि जब भी महत्वपूर्ण विधेयक चर्चा के लिए आते हैं तो न केवल जद (यू) बल्कि सभी दल अपने सांसदों को व्हिप जारी करते हैं। हमने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। जदयू 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का हिस्सा है, जिसने 18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई बैठक में खुद को भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) नाम दिया है।