Hate Speech: नफरती भाषणों पर नकेल कसने के लिए जल्द आएगा कानून! नुपुर शर्मा और महुआ मोइत्रा विवाद के बाद एक्शन में सरकार
Law against Hate Speech राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा घृणा अपराधों और घृणास्पद भाषणों (Hate Speech) पर अंकुश लगाने के लिए संसद के आगामी मानसून सत्र में एक निजी सदस्य विधेयक पेश करेंगे। इस बिल के तहत ऐसे भाषण देने वालों को दंडित किया जा सकेगा।
By Mahen KhannaEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2022 02:19 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। देश में नफरती भाषणों (Hate Speech) पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार अब कड़ा रुख दिखाने वाली है। कई नेताओं की गलत बयानबाजी के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते अब सरकार हेट स्पीच के खिलाफ एक कानून लाने जा रही है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार केंद्र सरकार एक कानून पर विचार कर रही है जो "नफरती भाषणो" को परिभाषित करेगा।
सांसद मनोज झा राज्य सभा में लाएंगे प्राइवेट बिल
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा घृणा अपराधों और घृणास्पद भाषणों (Hate Speech) पर अंकुश लगाने के लिए संसद के आगामी मानसून सत्र में एक निजी सदस्य विधेयक पेश करेंगे। राज्यसभा के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, झा शुक्रवार को सत्र के पहले सप्ताह में विधेयक पेश करेंगे, जिस दिन दोपहर के भोजन के बाद निजी सदस्यों का काम शुरू होगा। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा।
नफरती भाषण देने वाले हो सकेंगे दंडितहेट क्राइम्स एंड हेट स्पीच (कॉम्बैट, प्रिवेंशन एंड पनिशमेंट) बिल, 2022 घृणा अपराधों और नफरती भाषणों में शामिल लोगों को दंडित करने का काम करेगा। झा ने बताया कि देश में वर्तमान परिदृश्य में इस तरह के कानून के बारे में बात करना जरूरी है। उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोकतंत्र में लोकतंत्र के सार को कई पहलुओं में भुला दिया गया है।"
नुपुर शर्मा और महुआ मोइत्रा की टिप्पणियों से छिड़ा विवादबता दें कि हाल ही बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के विवादित बयान को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे। नुपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर गलत टिप्पणी कर दी थी तो वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की देवी काली पर टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया था। इसी के चलते भोपाल में मोइत्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला भी दर्ज किया गया है। उन्होंने काली को "मांस खाने वाली" और "शराब स्वीकार करने वाली" देवी का उल्लेख किया था।