CWC Meet: एक देश-एक चुनाव और संविधान के मूल ढांचे में बदलाव अस्वीकार्य - कांग्रेस कार्यसमिति
कांग्रेस कार्यसमिति ने एक देश-एक चुनाव के साथ ही नए संविधान के लिए शुरू की गई चर्चा को दुर्भावनापूर्ण करार देते संविधान के मूल ढांचे में बदलाव के किसी भी प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में शुरू हुई सीडब्ल्यूसी की पहली बैठक के दौरान प्रस्ताव पारित कर इन अहम मुद्दों पर कांग्रेस ने अपना दृष्टिकोण साफ कर दिया।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 17 Sep 2023 12:04 AM (IST)
संजय मिश्र, हैदराबाद। कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने एक देश-एक चुनाव के साथ ही नए संविधान के लिए शुरू की गई चर्चा को दुर्भावनापूर्ण करार देते संविधान के मूल ढांचे में बदलाव के किसी भी प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है।
जातीय जनगणना की आवाज बुलंद करते हुए पार्टी ने एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने की मांग की है। संसद के विशेष सत्र में संसद-विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने का विधेयक पारित करने की आवाज उठाई है।
विपक्ष के नए गठबंधन आइएनडीआइए पर मुहर लगाते हुए कांग्रेस कार्यसमिति ने देश में विभाजनकारी राजनीति को परास्त कर इस पहल को चुनावी सफलता में तब्दील करने के लिए अपना संकल्प दोहराया है।
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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक
कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में यहां शुरू हुई पहली बैठक के दौरान प्रस्ताव पारित कर इन अहम मुद्दों पर कांग्रेस ने अपना दृष्टिकोण साफ कर दिया।पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ पार्टी के सभी प्रमुख वरिष्ठ नेताओं ने करीब पांच घंटे की चर्चा के बाद एक देश-एक चुनाव से लेकर सियासी विमर्श पर छाए तमाम प्रमुख मुद्दों पर पार्टी की राजनीतिक लाइन खींच दी।
'ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो देश'
आइएनडीआइए के रूप में सामने आई विपक्षी एकता की पहल का स्वागत करते हुए कार्यसमिति ने कहा,पार्टी ने प्रस्ताव में कहा है कि संविधान की मूल संरचना को नहीं बदला जा सकता। बाबा साहब अंबेडकर और अन्य देशभक्तों द्वारा तैयार हमारे संविधान पर भाजपा सरकार के हमले की सभी लोकतांत्रिक शक्तियों द्वारा भर्त्सना करते हुए इसका विरोध किया जाना चाहिए।संसदीय बहस और जांच लगभग शून्य होने का हवाला देते हुए कहा गया है कि कई दूरगामी कानून चर्चा के बिना जल्दबाजी में पारित कर दिए जाते हैं। यह भी पढ़ें: 'देश के सामने गंभीर आंतरिक चुनौतियां', मल्लिकार्जुन खरगे बोले- हिंसा की आग में घी डाल रही भाजपाप्रधानमंत्री और भाजपा इससे काफी बौखलाए हुए हैं। आइएनडीआइए की पहल को वैचारिक और चुनावी रूप से सफल बनाने के लिए कांग्रेस अपने संकल्प को दोहराती है ताकि हमारा देश विभाजनकारी और ध्रुवीकरण की राजनीति से मुक्त हो। सामाजिक समानता और न्याय मे विश्वास रखने वाली ताकतों को मजबूती मिले और केंद्र में जनता को एक संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सरकार मिले।