Chhattisgarh Political Crisis: कांग्रेस में नहीं थम नहीं रही कलह, अब छत्तीसगढ़ के 13 विधायक दिल्ली पहुंचे
कांग्रेस शासित राज्यों में उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की कवायद जारी है। अब छत्तीसगढ़ के 13 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। इन्होंने हाईकमान से मिलने का वक्त मांगा है।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 09:01 AM (IST)
नई दिल्ली/रायपुर, एजेंसी। कांग्रेस शासित राज्यों में उथल-पुथल थमने का नाम नहीं ले रही है। पंजाब के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की कवायद जारी है। इसके लिए सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव कांग्रेस आलाकमान से मिल चुके हैं। अब छत्तीसगढ़ के 13 विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। इन्होंने हाईकमान से मिलने का वक्त मांगा है। ये सभी विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी हैं। विधायक बृहस्पत सिंह इन विधायकों का नेतृत्व कर रहे हैं। बृहस्पत सिंह ने कहा कि कुछ विधायक छत्तीसगढ़ सदन में रुके हैं और कुछ विधायक निजी होटल में रुके हुए हैं। विधायक प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से भी मुलाकात करेंगे और प्रदेश की राजनीतिक स्थिति के बारे में जानकारी देंगे।
विधायक बोले, छत्तीसगढ़ में बदलाव की कोई संभावना नहींउन्होंने कहा कि पहले भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस के 60 विधायकों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पक्ष में समर्थन दिया है। कांग्रेस आलाकमान को विधायकों ने निर्णय के बारे में बताया है। मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल टीएस सिंहदेव का नाम लिए बिना बृहस्पत ने कहा कि किसी एक व्यक्ति को खुश करने के लिए कांग्रेस के 70 विधायकों का भविष्य दांव पर नहीं लगाया जा सकता। कांग्रेस आलाकमान देश के अन्य राज्यों में जो भी बदलाव कर रही है, उसमें छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाने की शर्त रखी जा रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में बदलाव की कोई संभावना नहीं है।
दिल्ली में क्या हो रहा देखने गए होंगे विधायक: सिंहदेवस्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह प्रजातंत्र है और कांग्रेस एक खुला मंच है। शीर्ष नेतृत्व लोगों को मुलाकात का समय देते हैं। इन विधायकों को अगर समय दिया गया होगा तो मुलाकात होगी। सिंहदेव ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि छत्तीसगढ़ की राजनीति को लेकर क्या चर्चाएं थी। इसमें छिपने-छिपाने की कोई बात नहीं है। एक बदलाव की बात थी, होगी या नहीं होगी यह बाद की बात है, लेकिन वह बात खुल गई है। पिछली बार जब विधायक दिल्ली गए थे तो इस बात पर चर्चा हो गई थी। हो सकता है कि विधायक अपनी बात रखने गए हों। दिल्ली में क्या हो रहा है, वह देखने गए हों।
थमी नहीं हैं मुख्यमंत्री पद के लिए रस्साकशीहालांकि, अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस में दो गुट बन गए हैं। टीएस सिंहदेव का धड़ा आलाकमान से ढाई साल वाला वादा पूरा करने का दबाव बना रहा है। उनके समर्थक राज्य में मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कह चुके हैं, जबकि, भूपेश बघेल अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। अगस्त महीने में काफी संख्या में कांग्रेस विधायक दिल्ली में आलाकमान से मिले थे।
भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ में ओबीसी जातियों के बड़े नेता है। उन्होंने भाजपा के खिलाफ संघर्ष किया था। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का खेमा अभी भी उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। उनका ताल्लुक राजघराने से है और वे प्रदेश के सबसे अमीर नेताओं में शुमार किए जाते हैं। छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी में भूपेश बघेल के बाद उनकी सबसे बड़ी भूमिका है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल और टीएस बघेल के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही रस्साकशी नहीं थम रही है।