CM फेस पर महा विकास अघाड़ी में खटपट, संजय राउत ने कर दी बड़ी मांग; रोहित पवार ने दी ये सलाह
शिवसेना सांसद संजय राउत ने संकेत दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र के अगले सीएम के रूप में पेश किया जाना चाहिए। वहीं संजय राउत ने यह भी कहा कि सीएम चेहरे के बिना विधानसभा चुनाव लड़ना जोखिम भरा होगा। संजय राउत का मानना है कि MVA ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में सफलता हासिल की थी।
आईएएनएस, नई दिल्ली/मुंबई। Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: शिवसेना-यूबीटी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ी मांग कर दी है। संजय राउत ने अप्रत्यक्ष रूप से उद्धव ठाकरे को आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने की मांग की है। संजय राउत का मानना है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में सफलता हासिल की थी। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद के चेहरे के बिना चुनाव लड़ना खतरनाक हो सकता है।
आपको बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संजय राउट ने कहा, ''महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना चुनाव लड़ना एक खतरा है। महाराष्ट्र ने मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे का काम देखा है। लोकसभा चुनाव में वोटिंग भी उद्धव ठाकरे के पक्ष में हुई है। सत्ता में तीनों पार्टियां साथ थीं, लेकिन चेहरे के बिना सरकार नहीं चलेगी।'' राउत का यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एमवीए में सबसे अधिक सीटें कांग्रेस को मिली हैं और शिवसेना-यूबीटी की संख्या भी घटी है।
रोहित पवार ने सीएम के चेहरे को लेकर कही ये बात
एनसीपी-एससीपी नेता रोहित पवार ने कहा, "हम विपक्ष में हैं और हम आम आदमी के लिए लड़ेंगे। सरकार को युवाओं, महिलाओं और सामाजिक योजनाओं के लिए बजट में अधिक प्रावधान करना चाहिए... संजय राउत, जयंत पाटिल, शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के नेता एक साथ बैठेंगे और सीएम के चेहरे पर विचार करेंगे। हमारे दिमाग में केवल इतना है कि हमें उनके खिलाफ एक साथ लड़ना है और आम लोगों के लिए काम करना है।"
राज्य की सत्ता में लौटने पर ध्यान दे MVA- जयंत पाटिल
वहीं, शरद पवार गुट के नेता जयंत पाटिल ने यह कहा है कि एमवीएम के दलों को सीएम पद के उम्मीदवार के नाम का एलान करने की जगह राज्य की सत्ता में लौटने पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी इस बात की एकतरफा घोषणा नहीं करनी चाहिए कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
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