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नेहरू के आगे मोदी को बौना दिखाने से कांग्रेस पर बिफरी भाजपा, दिखाया 'रील लाइफ' और 'रीयल लाइफ' में अलग

ट्विटर पर जारी ताजा पोस्टर वार में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के चित्र के आगे एकदम बौना दिखाया है। इस पर बिफरी भाजपा ने पलटवार करते हुए ट्विटर पर एक ऐसे छवि जारी की है। फोटो- एएनआई।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 29 May 2023 01:57 AM (IST)
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नेहरू के आगे मोदी को बौना दिखाने से कांग्रेस पर बिफरी भाजपा। फोटो- एएनआई।

नई दिल्ली, एएनआई। ट्विटर पर जारी ताजा पोस्टर वार में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के चित्र के आगे एकदम बौना दिखाया है। इस पर बिफरी भाजपा ने पलटवार करते हुए ट्विटर पर एक ऐसे छवि जारी की है, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता पंडित नेहरू के कद को 'रील लाइफ' और 'रीयल लाइफ' में अलग दिखाया गया है।

भाजपा और कांग्रेस में छिड़ा ट्विटर वॉर

नेहरू जी को सेंगोल सौंपे जाने के विवाद पर कांग्रेस ने ट्वीट करके कहा कि कितनी भी कोशिश कर लो नेहरू की कोई बराबरी नहीं। इसके जवाब में भाजपा ने ट्विटर पर एक स्केच जारी करते हुए उसमें कैमरे के सामने पंडित नेहरू को बड़ा और कैमरे से इतर एकदम सूक्ष्य दिखाया गया है। इस स्केच के साथ भाजपा के आधिकारिक मीडिया हैंडल ने ट्वीट करके कहा कि यही नेहरू की सच्चाई है।

सेंगोल को लेकर छिड़ी जंग

मालूम हो कि मौजूदा समय में कांग्रेस और भाजपा एतिहासिक सेंगोल को नए संसद भवन में स्थापित किए जाने को लेकर आपस में उलझ रहे हैं। बताया जाता है कि देश की आजादी के समय अंग्रेजों ने इसे सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को सौंपा था।

जयराम रमेश ने साधा निशाना

इससे पहले रविवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि लार्ड माउंटबेटन, सी. राजगोपालाचारी और जवाहर लाल नेहरू के संबंध में ऐसे कोई साक्ष्य नहीं है कि सेंगोल ब्रिटिश शासकों की ओर से भारत को सत्ता सौंपने का प्रतीक चिन्ह है। इन तीनों हस्तियों ने कभी भी किसी भी दस्तावेज में सेंगोल का जिक्र तक नहीं किया है। यह सभी दावे पूरी तरह से बोगस और बेबुनियाद हैं।

राजदंड को अब पीएम मोदी कर रहे इस्तेमाल- रमेश

जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा कि यह राजदंड बाद में इलाहाबाद के म्यूजियम रखा गया था। नेहरू जी ने भी 14 दिसंबर, 1947 को कहा था उस पर जो भी लिखा है उसके बावजूद से सार्वजनिक रिकार्ड में दर्ज होना चाहिए। इस राजदंड को अब प्रधानमंत्री मोदी इस्तेमाल कर रहे हैं। अब उनकी और उनके समर्थकों की राजनीति तमिलनाडु में पहुंच गई है। यह ब्रिगेड अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तथ्यों को तोड़-मरोड़ पेश करती है।

इस बीच, विपक्षी दलों के नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ऐसा करके कांग्रेस पार्टी अपने ही पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का विरोध कर रही है।