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तो क्या हरियाणा में नहीं होगा कांग्रेस-आप गठबंधन? कहां फंस रहा पेच, सपा-माकपा का भी प्लान तैयार

हरियाणा में कांग्रेस-आप गठबंधन को लेकर राहुल गांधी आज आप से चर्चा कर सकते हैं। इसके बाद सारी स्थिति स्पष्ट हो सकती है। हरियाणा में पांच सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है। ऐसे में इस फैसले को ज्यादा लंबा खींचा नहीं जा सकता है। कांग्रेस पार्टी ने जो संकेत दिए है उसके तहत पांच सितंबर को ही पार्टी अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 04 Sep 2024 08:48 PM (IST)
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हरियाणा में कांग्रेस-आप में गठबंधन को लेकर फंस रहा पेच। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का अब आप के साथ गठबंधन होना लगभग तय है। इसके साथ ही सपा और माकपा भी कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने इन दलों को एक-एक सीट देने के संकेत दिए है। हालांकि आप के साथ गठबंधन में अभी सीटों को लेकर पेच फंसा हुआ है।

कांग्रेस उसे पांच सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है जबकि आप ने लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले पर कम से कम दस सीटों की दावेदारी की है। लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल दस लोकसभा सीटों में कांग्रेस ने एक सीट आप को दी थी। हालांकि आप उसे जीत नहीं पायी थी।

दोनों दलों के बीच गठबंधन में सीटों को लेकर फंसे पेच को सुलझाने के लिए कांग्रेस महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल और आप सांसद राघव चड्ढा के बीच बुधवार को फिर लंबी बैठक हुई है।

कांग्रेस पार्टी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया के मुताबिक आप को गठबंधन में लाने की कोशिश है। सपा और माकपा ने भी सीटों की मांग की है। पार्टी उनकी मांगों पर विचार कर रही है। यदि वह जीत सकते है तो उन्हें सीटें दी जाएगी।

पार्टी से जुड़े सूत्रों की मानें तो हरियाणा में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन को इसलिए भी तय माना जा रहा है, क्योंकि दोनों ही दल नहीं चाहते है, कि गुजरात की तरह यहां भी भाजपा विरोधी वोटों में किसी तरह का बिखराव हो और उसका फायदा भाजपा को मिले। इसके साथ ही गठबंधन की दूसरी वजह यह भी है कि लोकसभा चुनाव में जिस विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए को एकजुट रखकर कांग्रेस पार्टी ने अपनी ताकत को बढ़ाया है, ऐसे में वह बिल्कुल भी नहीं चाहेगी कि इनमें किसी तरह का बिखराव और मनमुटाव दिखे।

राहुल गांधी की गठबंधन की पहल को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने हरियाणा के साथ जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ ही इसी सोच को ध्यान में रखकर गठबंधन किया है।

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