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'भयावह योजना बेनकाब', निर्मला सीतारमण पर FIR को लेकर हमलावर हुई कांग्रेस; कहा- वित्तमंत्री ने अकेले नहीं लिया फैसला

Electoral Bond Case चुनावी बॉन्ड को लेकर विवाद फिर सुर्खियों में आ गया है। बेंगलुरू की एक कोर्ट की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने भाजपा पर जबरदस्त हमला बोलते हुए कहा है कि इसने पार्टी के असली चरित्र और भयावह योजना को बेनकाब कर दिया है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sun, 29 Sep 2024 06:50 PM (IST)
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कांग्रेस ने पूरे मामले को भाजपा की भयावह योजना बताया है। (File Image)

एएनआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कथित रूप से धन उगाही के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि इसने पार्टी के असली चरित्र को बेनकाब कर दिया है।

रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सिंघवी ने कहा कि भाजपा की योजना भयावह थी और चुनावी बॉन्ड ने कुछ फर्मों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ अपने मामले को आसान बनाने या हिरासत से बाहर निकलने में मदद की थी। उन्होंने सीतारमण के इस्तीफे की भी मांग की।

भाजपा की योजना भयावह थी: कांग्रेस

उन्होंने कहा, 'वित्त मंत्री सहित भाजपा की योजना भयावह थी। खासकर तब, जब इस एफआईआर ने भाजपा की असली पहचान उजागर कर दी है। पैटर्न यह था कि चुनावी बॉन्ड कब लिया गया और कितनी राशि ली गई और फिर बॉन्ड खरीदने से पहले और चुनावी बॉन्ड लाए जाने के बाद ईडी ने कितनी बार उनके दरवाजे खटखटाए, फिर या तो उनके खिलाफ मामलों को धीमा कर दिया गया या उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया गया। एक फर्म ने 500 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भी खरीदे।'

सिंघवी ने आगे बताया कि एफआईआर कैसे दर्ज की गई, इसके लिए एक प्रक्रिया थी और मामले की जांच के बाद इसे दर्ज किया गया। सिंघवी ने आरोप लगाया कि मामले से संबंधित कुल आंकड़ा 8,000 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इसमें भाजपा के अन्य शीर्ष नेताओं की भी संलिप्तता होनी चाहिए।

'8000 करोड़ का है आंकड़ा'

सिंघवी ने कहा, 'इस एफआईआर को दर्ज करने के लिए एक प्रक्रिया है। इसमें एक फिल्टर होता है, जांच होती है और जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाती है। कुल आंकड़ा 8,000 करोड़ रुपये है। मुझे नहीं लगता कि वित्त मंत्री ने अकेले फैसला लिया और यह फैसला शीर्ष अधिकारियों द्वारा लिया गया होगा। चुनावी बॉन्ड योजना भाजपा की जबरन वसूली वाली योजना है।'