CWC Meet: कांग्रेस ने जातीय जनगणना-ओबीसी की हिस्सेदारी मुद्दे पर बुलाई कार्यसमिति की बैठक
चुनाव की सरगर्मियों के बीच जातीय जनगणना को लेकर गरमाई सियासत के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्यसमिति की नौ अक्टूबर को बैठक बुलाई है। हैदराबाद में 16-17 सितंबर को खरगे ने अपनी नवगठित कार्यसमिति की पहली बैठक बुलाई थी और इस बैठक में पारित प्रस्ताव में जातीय जनगणना की मांग की गई थी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव की सरगर्मियों के बीच जातीय जनगणना को लेकर गरमाई सियासत के मद्देनजर कांग्रेस ने अपनी शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) की नौ अक्टूबर को बैठक बुलाई है।
कांग्रेस ने जातीय जनगणना की मांग के साथ आबादी के अनुपात में भागीदारी की आक्रामक पैरोकारी कर अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls) के लिए अपनी राजनीतिक लाइन की दिशा साफ कर दी है। अब इस मुद्दे को पार्टी की नीतिगत एजेंडे का हिस्सा बनाने के तौर-तरीकों को लेकर कार्यसमिति में चर्चा की जाएगी। साथ ही बैठक में पांच राज्यों के चुनावों की रणनीति और तैयारियों की भी समीक्षा भी होगी।
ईडी छापे सहित इन मुद्दों पर होगी कार्यसमिति में मंत्रणा
विपक्षी नेताओं पर लगातार बढ़ते इडी-सीबीआइ जैसी जांच एजेंसियों के छापे और गिरफ्तारियों पर भी कार्यसमिति में मंत्रणा की जाएगी। जातिवार जनगणना की बिहार सरकार की रिपोर्ट जारी होने के तत्काल बाद बुलाई जा रही कांग्रेस कार्यसमिति की यह बैठक ओबीसी वर्ग को साधने के पार्टी के गंभीर प्रयासों का संकेत है।
केंद्र सरकार के 90 सचिवों में केवल तीन ओबीसी वर्ग के होने के आंकडों का हवाला देते हुए राहुल 20 सितंबर के बाद से लगभग अपनी हर राजनीतिक सभाओं में इस मुद्दे को उठा रहे हैं। बिहार की जातिवार गणना रिपोर्ट जारी होने के बाद तो राहुल ने जातीय जनगणना करा ओबीसी को आबादी के हिसाब से भागीदारी देने का प्रण तक जाहिर कर दिया है।
भाजपा के महिला आरक्षण दांव के सियासी काट के लिए चले गए इस कदम के बाद कांग्रेस अब जातीय जनगणना की अपनी मांग को ठोस राजनीतिक दिशा देना चाहती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कार्यसमिति में इस संदर्भ में व्यापक चर्चा के बाद इसकी रूपरेखा निर्धारित की जाएगी।
माहभर के भीतर बुलाई गई दूसरी CWC बैठक
ओबीसी की भागीदारी को लेकर भाजपा को घेरेबंदी के लिए पार्टी की तत्परता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने महीने भर के भीतर कार्यसमिति की दूसरी बार बैठक बुलाई है। हैदराबाद में 16-17 सितंबर को खरगे ने अपनी नवगठित कार्यसमिति की पहली बैठक बुलाई थी और इस बैठक में पारित प्रस्ताव में जातीय जनगणना की मांग की गई थी।
लोकसभा चुनाव से पूर्व अगले महीने होने जा रहे पांच राज्यों के चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम हैं, क्योंकि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए में शामिल दलों की निगाहें उसके प्रदर्शन पर है। छत्तीसगढ और राजस्थान में जहां कांग्रेस अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही, वहीं मध्य प्रदेश में भाजपा से सत्ता छीनने को लेकर कोई कसर बाकी नहीं रख रही।
तेलंगाना और मिजोरम में भी कांग्रेस सत्ता की दौड़ में शामिल है और इसीलिए कार्यसमिति की बैठक में इन पांचों राज्यों की रणनीति पर निर्णायक चर्चा होगी। पार्टी सूत्रों ने यह भी कहा कि विपक्षी नेताओं की इडी सरीखी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही गिरफ्तारी के मद्देनजर विपक्षी दलों को डराने-दबाने का मुकाबला करने को लेकर भी बैठक में निसंदेह बातचीत होगी।
विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी से बढ़ी सरगर्मी
दिल्ली से लेकर तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से लेकर छत्तीसगढ तक विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए (I.N.D.I.A) शासित राज्यों में इडी, सीबीआई से लेकर इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों की तेज हुई कार्रवाई और कुछ विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी की ताजा घटना के बाद आइएनडीआइए में अंदरूनी सियासी हलचल एक बार फिर बढ़ने के संकेत हैं।
समझा जाता है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के भतीजे सांसद अभिषेक बनर्जी को इडी द्वारा बार-बार पूछताछ के लिए बुलाए जाने के ताजा प्रकरण को देखते हुए आइएनडीआइए के एकजुट मुखर विरोध करने के तौर-तरीकों पर आपसी चर्चा शुरू हो गई है।
साझा रणनीति की हो सकती है घोषणा
अगले कुछ दिनों में आइएनडीआइए के प्रमुख नेताओं के बीच मंत्रणा के भी संकेत हैं जिसके उपरांत विपक्षी नेताओं को दबाकर विपक्ष को कुचलने के प्रयासों के खिलाफ साझा रणनीति की घोषणा की जा सकती है।
कांग्रेस कार्यसमिति की नौ अक्टूबर की बैठक की चर्चा के एजेंडे में यह मुद्दा शामिल है। वैसे मल्लिकार्जुन खरगे ने हैदराबाद में कार्यसमिति की पहली बैठक के उद्घाटन संबोधन में ही यह बात कही थी कि आइएनडीआइए की राजनीतिक मजबूती को देखते हुए विपक्ष को कमजोर करने के लिए आने वाले दिनों में विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी तेज होगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मध्य प्रदेश के धार जिले में गुरुवार को एक रैली के दौरान चाहे सीधे संजय सिंह की गिरफ्तारी का जिक्र नहीं किया, मगर केवल विपक्षी नेताओं के खिलाफ ही ईडी की कार्रवाई की बात उठा इस मुद्दे पर विपक्ष के एकजुट होने का साफ संकेत दे दिया।