अमेठी-रायबरेली पर आज हो जाएगा कांग्रेस के उम्मीदवार का एलान, क्या राहुल-प्रियंका लड़ेंगे यहां से चुनाव?
Congress candidate for Amethi-RaeBareli कांग्रेस नेता राहुल गांधी जो पहले से ही केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं वो अब अमेठी से मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि 2019 में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी से हारने वाली सीट से राहुल की उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा आज की जाएगी और वो शुक्रवार को निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
नई दिल्ली। Congress candidate for Amethi-RaeBareli लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के नामांकन दाखिल करने में सिर्फ एक दिन बचा है, लेकिन यूपी की अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों पर सस्पेंस जारी है। रायबरेली को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है। इस बीच माना जा रहा है कि इन सीटों पर आज कांग्रेस पार्टी उम्मीदवारों का एलान कर सकती है।
राहुल लड़ सकते हैं अमेठी से चुनाव
समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी, जो पहले से ही केरल के वायनाड से चुनाव लड़ रहे हैं वो अब अमेठी से मैदान में उतर सकते हैं। सूत्रों ने कहा कि 2019 में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्मृति ईरानी से हारने वाली सीट से राहुल की उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा आज की जाएगी और वो शुक्रवार को निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
रायबरेली से मैदान में होगी प्रियंका
दूसरी ओर प्रियंका गांधी वाड्रा को भी रायबरेली से उम्मीदवार बनाया जा सकता है और इसकी घोषणा भी आज हो जाएगी। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस को इंडी ब्लॉक के कुछ साथियों ने भी सुझाव दिया कि राहुल को अमेठी और प्रियंका को रायबरेली से चुनाव लड़ना चाहिए।खरगे गांधी परिवार के सदस्य को ही चुनाव लड़ाने पर अड़े
सूत्रों ने दावा किया कि भले ही राहुल और प्रियंका अमेठी और रायबरेली से चुनाव लड़ने के लिए अनिच्छुक दिखाई देते हैं, लेकिन खरगे ने जोर देकर कहा है कि उनमें से कम से कम एक मैदान में उतरे। हाल ही में पार्टी की समिति की बैठक में भी कांग्रेस की यूपी इकाई ने औपचारिक रूप से एक प्रस्ताव रखा कि गांधी परिवार के सदस्य को अमेठी और रायबरेली सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए और इस मामले में अंतिम निर्णय खरगे पर छोड़ दिया गया है।
कांग्रेस ने अभी तक अमेठी और रायबरेली से उम्मीदवारों की अपनी पसंद पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिन्हें 2019 के चुनावों तक पार्टी का गढ़ माना जाता था।