Congress Chintan Shivir : उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की फिर उठेगी मांग
अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में यह चिंतन शिविर आयोजित होगा जिसमें मुख्य चिंतन आगामी 2024 के आम चुनाव पर होगा। इस बैठक में राहुल गांधी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का मुद्दा उठ सकता है।
By Mahen KhannaEdited By: Updated: Thu, 12 May 2022 09:42 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ: कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए पार्टी संगठन में बड़े बदलाव को लेकर कल उदयपुर में एक चिंतन शिविर होने जा रहा है। इस शिविर में पार्टी को मजबूत करने से लेकर कई बदलाव पर चर्चा हो सकती है, वहीं आगामी चुनावों में भाजपा को चुनौती देने की रणनीति भी तैयार की जा सकती है। अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में यह 'चिंतन शिविर' आयोजित होगा, जिसमें मुख्य चिंतन आगामी 2024 के आम चुनाव पर होगा। वहीं जानकारों की मानें तो इसमें राहुल गांधी को एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का मुद्दा उठ सकता है। बता दें कि कई शीर्ष नेताओं ने 14 मार्च को हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में भी राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की थी।
राहुल भी पद संभालने पर विचार करने को तैयारसूत्रों की मानें तो कई नेताओं द्वारा मांग करने के बाद अब राहुल भी इस पद पर विचार के लिए तैयार हैं। वहीं एक पूर्व की बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी वायनाड सांसद से अध्यक्ष पद स्वीकार करने की बात कही थी। बता दें कि बैठक में अगस्त-सितंबर के राष्ट्रपति का चुनाव कराने का प्रस्ताव आया। हालांकि, तब तय हुआ कि चल रही प्रक्रिया को पहले से टाला नहीं जा सकता। गौरतलब है कि 2019 में हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनीं।
विधानसभा चुनावों में हार की होगी समीक्षा उदयपुर में होने वाले अगले चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा और अहम फैसले लिए जाने की संभावना है। चिंतन शिविर इस साल की शुरुआत में पांच राज्य विधानसभाओं के चुनावों में पार्टी की हार की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है। पिछले आठ वर्षों में हुए चुनावों में पार्टी को कई चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस ने अपने कुछ प्रमुख चेहरों की विदाई भी देखी है। चिंतन शिविर सोनिया गांधी के लोगों के नाम संबोधन के साथ शुरू होगा और 14 मई को राहुल गांधी के भाषण के साथ समाप्त होगा।