One Nation One Election पर कांग्रेस ने साफ किया अपना स्टैंड, ओवैसी ने क्यों कहा अलग-अलग चुनाव में ही फायदा?
One Nation One Election मोदी सरकार ने देश में एक साथ चुनाव कराने की राह आसान कर दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज एक राष्ट्र एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें स्वीकार कर ली है। अब इस पर कांग्रेस का स्टैंड सामने आया है। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये योजना लोकतंत्र में काम नहीं कर सकती है।
एजेंसी, नई दिल्ली। One Nation One Election केंद्र की मोदी सरकार ने देश में एक साथ चुनाव कराने की राह आसान कर दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें स्वीकार कर ली है। अब इस पर कांग्रेस और ओवैसी का स्टैंड सामने आया है।
खरगे बोले- ये लोकतंत्र में काम नहीं करेगा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "हम इसके साथ नहीं हैं। एक राष्ट्र, एक चुनाव लोकतंत्र में काम नहीं कर सकता। अगर हम चाहते हैं कि हमारा लोकतंत्र जीवित रहे तो चुनाव आवश्यकतानुसार होने चाहिए।"
#WATCH | Union Cabinet accepts the recommendations by the high-level committee on 'One Nation, One Election' | Congress President Mallikarjun Kharge says, "We don't stand with this. One Nation One Election cannot work in a democracy. Elections need to be held as and when required… pic.twitter.com/Pq5uUXlqWs
— ANI (@ANI) September 18, 2024
क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी?
- AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक राष्ट्र एक चुनाव का विरोध किया है। उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया कर कहा कि यह संघवाद को नष्ट करता है और लोकतंत्र से समझौता करता है। ओवैसी ने कहा कि मोदी और शाह को छोड़कर किसी के लिए भी एक से ज्यादा बार चुनाव कोई समस्या नहीं हैं।
- ओवैसी ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि मोदी-शाह को नगरपालिका और स्थानीय निकाय चुनावों में भी प्रचार करने की अनिवार्य आवश्यकता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हमें एक साथ चुनाव कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लगातार और समय-समय पर चुनाव कराने से लोकतांत्रिक जवाबदेही में सुधार होता है।
मोदी कैबिनेट ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को आज मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है। शीतकालीन सत्र में एनडीए सरकार यह बिल संसद में लेकर आएगी।18 हजार पन्नों की है रिपोर्ट
एक देश एक चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने इसी साल 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। वन नेशन वन इलेक्शन की यह रिपोर्ट 18 हजार 626 पेज की है।