Assembly Poll Results: कांग्रेस का 'क्षत्रपों' पर कमजोर हुआ भरोसा; राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बदलाव पर मंथन तेज
हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों यानी मध्य प्रदेश राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली करारी हार से परेशान कांग्रेस ने जहां इस हार को लेकर मंथन तेज कर दिया है वहीं संगठन के स्तर पर भी इन राज्यों में बड़े बदलाव के संकेत दिए जा रहे है। खासकर इन राज्यों के उन सभी चेहरों को हटाने की तैयारी है जो जीत को लेकर बड़े दावे करते थे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों यानी मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली करारी हार से परेशान कांग्रेस ने जहां इस हार को लेकर मंथन तेज कर दिया है वहीं संगठन के स्तर पर भी इन राज्यों में बड़े बदलाव के संकेत दिए जा रहे है।
कई चेहरों को हटा सकती है कांग्रेस
खासकर इन राज्यों के उन सभी चेहरों को हटाने की तैयारी है, जो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सामने जीत को लेकर बड़े दावे करते थे। इनमें वह क्षत्रप भी शामिल है जिन्होंने अपनी मनमर्जी के सामने किसी को भी कोई तवज्जो नहीं दिया। हालांकि, जिस तरह से अगले कुछ महीनों में आम चुनाव होने है, उसे देखते हुए पार्टी इस बदलाव को लेकर कितनी तेजी दिखाती है यह कहना अभी मुश्किल है।
चुनावी नतीजों ने कांग्रेस को चौंकाया
फिलहाल इन तीनों राज्यों के नतीजों ने जिस तरह से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को चौंकाया है, उससे यह भी साफ हो गया है कि इन राज्यों में उनका मौजूदा नेतृत्व जमीन पर नहीं था। तभी भी तो वह मतदाताओं के मन की बातों को समझने में नाकाम में रहा।
नए चेहरों पर दौड़ाई जा रही नजर
ऐसे में कांग्रेस पार्टी को कोशिश इन राज्यों में किसी ऐसे व्यक्तियों को अहम मोर्चों पर लगाने की है, जिनकी जमीनी पकड़ मजबूत है। साथ ही वह जुझारू और संघर्षशील भी हो। पार्टी के भीतर इन चेहरों पर नजर दौड़ाई जा रही है।
खासकर मध्य प्रदेश व राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष के चयन से ही इसकी झलक देखने को मिल सकती है। जहां क्षत्रपों की जगह किसी नए चेहरे पर दांव लगाया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल ये जिम्मेदारी कांग्रेस के ओबीसी कार्ड के चलते भूपेश बघेल के पास रह सकती है।
हार पर मंथन कर रही कांग्रेस
आम चुनावों से पहले तीनों ऐसे राज्य में पार्टी को मिली हार से कांग्रेस का शीर्ष इसलिए भी परेशान है, क्योंकि इन तीनों राज्यों में दो में वह सत्ता में काबिज थी। साथ ही मध्य प्रदेश में भी वह काफी मजबूत स्थिति में थी, लेकिन जो परिणाम आए उनसे तीनों राज्यों में पार्टी को पूरी तरह से समेट कर रख दिया।
इस बीच कांग्रेस पार्टी इन तीनों ही राज्यों में हार के कारणों को समझने में लगी है, बैठकों को दौर चल रहा है। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी जल्द ही हार के कारणों को लेकर इन तीनों ही राज्यों के साथ बैठक सकता है। माना जा रहा है कि इसके आधार पर ही पार्टी आम चुनावों को लेकर अपनी नई रणनीति तैयार करेगी।