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'माहौल पार्टी के पक्ष में', विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कसी कमर; सोनिया गांधी ने बताया प्लान

Congress CEC Meet सोनिया गांधी ने कांग्रेस संसदीय दल की बुधवार को हुई पहली बैठक को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने मोदी सरकार पर लोकसभा चुनावों में अपनी उल्लेखनीय गिरावट से सही सबक नहीं लेने और समुदायों को विभाजित करने तथा भय और दुश्मनी का माहौल फैलाने की अपनी नीति पर कायम रहने का आरोप लगाया। साथ ही सोनिया गांधी ने पार्टी में आगामी चुनाव को लेकर जोश भरा।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 31 Jul 2024 11:50 PM (IST)
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कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जनगणना नहीं कराए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि ऐसा कर एसी-एसटी की आबादी का अनुमान लगाने से रोका जा रहा है। साथ ही दावा किया कि जनगणना में देरी की वजह से कम से कम 12 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून के लाभ से वंचित हो रहे हैं।

वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली संजीवनी के मद्देनजर सोनिया गांधी ने आगामी चार राज्यों के चुनाव में पार्टी जनों से पूरी ताकत और विश्वास के साथ लग जाने का आहृवान करते हुए कहा कि माहौल पार्टी के पक्ष में है और बेहतर चुनावी नतीजे देश की राजनीति बदल सकते हैं। संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस संसदीय दल की बुधवार को हुई पहली बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी हमलों की घटनाएं, मणिपुर में जारी हिंसा के दौर से लेकर देश में समुदायों को विभाजित कर वैमनस्य बढ़ाने की राजनीति कायम रहने जैसे मुद्दों पर राजग सरकार को घेरा।

'2021 की जनगणना अब भी कराने का कोई इरादा नहीं'

उन्होंने कहा कि सरकार का 2021 की जनगणना अब भी कराने का कोई इरादा नहीं दिख रहा और इससे देश की जनसंख्या, खासकर अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का अद्यतन अनुमान नहीं लग पाएगा। इसका अर्थ है कि करीब 12 करोड़ नागरिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के लाभ से वंचित रहेंगे।

'पार्टीजनों को आत्मसंतुष्ट और अति-आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए'

आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के लिए पार्टीजनों को प्रोत्साहित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जो उत्साह तथा सद्भावना मिली है, उसे बरकरार रखा जाए। पार्टीजनों को आत्मसंतुष्ट और अति-आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि माहौल कांग्रेस पक्ष में मगर हमें एकजुट होकर उद्देश्य की भावना के साथ काम करना होगा। चुनाव में बेहतर प्रदर्शन से देश की राजनीति में बदलाव आएगा। आम बजट की खामियों गिनाते हुए उन्होंने दावा किया कि किसानों व युवाओं की मांगों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार विशेष रूप से इसका शीर्ष नेतृत्व, आत्म-भ्रम में है जबकि देश भर में करोड़ों परिवार बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई से तबाह हो रहे हैं।

'भय और दुश्मनी का माहौल फैलाने की अपनी नीति पर कायम'

सामाजिक वैमनस्य बढ़ने की चर्चा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि उम्मीद थी कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में गिरावट से सबक लेगी मगर इसकी बजाय वह समुदायों को विभाजित करने और भय और दुश्मनी का माहौल फैलाने की अपनी नीति पर कायम हैं। कांवड मार्ग पर नाम पटटिका लगाने के विवाद की ओर संकेत करते हुए कहा कि सौभाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने सही समय पर हस्तक्षेप किया मगर यह केवल एक अस्थायी राहत हो सकती है।

'यह भाजपा का राजनीतिक और वैचारिक आधार'

नौकरशाही को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए अचानक नियम बदलने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है पर पूरी दुनिया जानती है कि यह भाजपा का राजनीतिक और वैचारिक आधार है। शिक्षा व्यवस्था को दोषपूर्ण और हेरफेर से प्रभावित बताते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक के मामले की चर्चा की और कहा कि एनसीईआरटी, यूजीसी ही नहीं बल्कि यूपीएससी जैसी संवैधानिक संस्थाओं का पेशेवर चरित्र और स्वायत्तता नष्ट हो गई है।

तीन छात्रों की मृत्यु पर व्यक्त किया गहरा शोक

संसदीय दल की बैठक शुरू होते ही सबसे पहले वायनाड़ के भूस्खलन में मारे गए लोगों और दिल्ली के कोचिंग संस्थान में डूबने से तीन छात्रों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया गया। इसके बाद सोनिया गांधी ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की भूमिकाओं की प्रशंसा की तो राष्ट्रीय सुरक्षा को चुनौती देने वाली जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं का जिक्र किया।

'मणिपुर के स्थिति में कोई सुधार नहीं'

कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में अकेले जम्मू क्षेत्र में कम से कम ग्यारह आतंकी हमले हुए हैं जिसमें सुरक्षाकर्मियों और बड़ी संख्या में नागरिकों की जान गई है। ये घटनाएं जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक होने के मोदी सरकार के दावों का मजाक उड़ाता है। मणिपुर में स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है ओर प्रधानमंत्री दुनिया भर की यात्रा करते हैं पर वहां जाकर सामान्य स्थिति बहाली की पहल नहीं करते हैं।

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