Assembly Elections: राजस्थान में रिवाज पलटने में नाकाम चेहरों को बदलने पर मंथन शुरू, कांग्रेस हाईकमान ने की हार की समीक्षा
राजस्थान चुनाव में कांग्रेस गहलोत सरकार के कामकाज और अपने चुनावी वादों के दम पर सूबे का रिवाज बदलने को लेकर आश्वस्त थी मगर चुनाव परिणाम में पार्टी सत्ता की दहलीज से काफी दूर रह गई। नवनिर्वाचित विधायकों ने प्रस्ताव पारित कर विधायक दल के नेता जो राजस्थान में नेता विपक्ष भी होंगे के चयन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर रखा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस हाईकमान ने राजस्थान में पार्टी की हार की समीक्षा बैठक में तत्काल भले ही कोई फैसला नहीं लिया मगर संकेतों से साफ है कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सूबे के नेतृत्व से लेकर पार्टी प्रभारी तक को बदला जा सकता है।
कांग्रेस ने की राजस्थान और मिजोरम में चुनावी प्रदर्शन की समीक्षा
राजस्थान के साथ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की अप्रत्याशित हार ने अगले लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी को गहरे रूप से बेचैन कर दिया है और इसके मद्देनजर ही तत्काल इन राज्यों में कांग्रेस की सियासत को ट्रैक पर लाने की कसरत शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में राजस्थान के साथ शनिवार को मिजोरम में भी कांग्रेस के कमजोर चुनावी प्रदर्शन की समीक्षा की गई।
सत्ता की दहलीज से दूर हुई कांग्रेस
राजस्थान चुनाव में कांग्रेस गहलोत सरकार के कामकाज और अपने चुनावी वादों के दम पर सूबे का रिवाज बदलने को लेकर आश्वस्त थी मगर चुनाव परिणाम में पार्टी सत्ता की दहलीज से काफी दूर रह गई। गहलोत पर भरोसे की वजह से ही पार्टी हाईकमान ने सचिन पायलट को समझा-बुझाकर शांत रखा मगर सूबे में एकजुटता का यह संदेश भी कांग्रेस को उबार नहीं पाया।
मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में शनिवार को हार की समीक्षा के लिए हुई बैठक में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ राजस्थान के निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, भंवर जितेंद्र सिंह और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
चुनाव परिणामों पर हुई मंथन: सुखजिंदर सिंह रंधावा
इस बैठक के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि चुनाव परिणामों पर काफी लंबी चर्चा हुई है। पराजय के बावजूद भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है और हमारे कई उम्मीदवार बहुत कम वोटों से हारे हैं।
हार के कारणों पर तो रंधावा ने कुछ नहीं कहा मगर यह जरूर कहा कि आज ही सभी नेताओं को लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए जुट जाने को बोलते हुए जहां भी खामी रह गई है उसे दूर करने को नेतृत्व ने कह दिया है। हम एकजुट होकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे और बेहतर नतीजे देंगे क्योंकि राजस्थान में अन्य राज्यों की तुलना में कांग्रेस का प्रदर्शन ज्यादा नीचे नहीं गया है।
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कांग्रेस प्रभारी ने राजस्थान में बूथ, मंडल, ब्लॉक से लेकर जिला स्तर के पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं के बेहतर तरीके से काम करने की बात कही। कांग्रेस विधायक दल के नए नेता को लेकर बैठक में कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई मगर नेतृत्व ने सियासी समीकरणों और भविष्य की राजनीति के लिहाज से सूबे के नेताओं की नब्ज भांपने की कोशिश जरूर की।
रंधावा ने दिए राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ने के संकेत
नवनिर्वाचित विधायकों ने प्रस्ताव पारित कर विधायक दल के नेता जो राजस्थान में नेता विपक्ष भी होंगे के चयन के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को अधिकृत कर रखा है। रंधावा ने चुनाव परिणामों के मद्देनजर राजस्थान प्रभारी का पद छोड़ने के संकेत भी दिए। इस बारे में पूछे गए सवाल पर रंधावा ने कहा कि हमने पहले भी कांग्रेस नेतृत्व से कहा था कि विधानसभा चुनाव तक ही यहां रहना चाहता हूं और इसके बाद पंजाब वापस जाकर काम करना है।
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