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'श्रीलंका को नहीं दी कोई जमीन', कच्चाथीवू द्वीप को लेकर कांग्रेस का भाजपा पर पलटवार, कहा- तमिलनाडु के चुनावों के कारण हो रही राजनीति

Katchatheevu Island Case कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि प्रधानमंत्री का कच्चाथीवू द्वीप को लेकर बयान तमिलनाडु के चुनावों के कारण आया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री बिना किसी संदर्भ के बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का कोई समझौता हुआ था तो हमें पता होना चाहिए कि वह क्या था। दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री 9 साल तक क्या कर रहे थे?

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Sun, 31 Mar 2024 02:22 PM (IST)
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Katchatheevu Island Case कांग्रेस का भाजपा पर पलटवार।
एएनआई, नई दिल्ली। Katchatheevu Island Case प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कच्चाथीवू द्वीप को कथित तौर पर श्रीलंका को सौंपने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। पीएम के बयान के बाद कांग्रेस ने अब भाजपा पर पलटवार किया है। कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी की टिप्पणी को "प्रचार का तरीका" बताया और दस वर्षों के तहत किए गए कार्यों पर सवाल उठाए।

तमिलनाडु के चुनावों के कारण हो रही राजनीति

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान तमिलनाडु के चुनावों के कारण आया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को तमिलनाडु में डर लग रहा है, इसलिए वो ऐसा बयान दे रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री बिना किसी संदर्भ के बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह का कोई समझौता हुआ था, तो हमें पता होना चाहिए कि वह क्या था। दूसरी बात यह कि प्रधानमंत्री 9 साल तक क्या कर रहे थे? वह इतने समय तक इस बारे में चुप क्यों थे? ये प्रचार के चुनिंदा टुकड़े हैं जो सब गलत है। यह सब इसलिए है क्योंकि तमिलनाडु में चुनाव हो रहे हैं। 

मोदी सरकार पर बोला हमला

दूसरी ओर तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थागई ने पीएम मोदी से पिछले 10 वर्षों में वर्तमान सरकार द्वारा किए गए कार्यों के संबंध में एक श्वेत पत्र रिपोर्ट देने को कहा।

भाजपा ने लगाए ये आरोप

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कच्चाथीवू द्वीप कथित तौर पर श्रीलंका को सौंपने के लिए कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा बांटो और राज करो और देश को तोड़ने की राजनीति में विश्वास करती है।

भाजपा नेता ने कहा कि आरटीआई के माध्यम से जिस तरह के सबूत सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि चाहे वह नेहरू हों या इंदिरा, दोनों द्वीप को थाली में रखकर देना ही चाहते थे। इससे पता चलता है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा भारत को सैकड़ों टुकड़ों में तोड़ने के बारे में सोचा है।