राहुल की 'लाल किताब' पर मचा बवाल, फडणवीस के अर्बन नक्सल वाले बयान पर कांग्रेस का पलटवार; कहा- सोचकर बोलना चाहिए
राहुल गांधी की लाल किताब पर छिड़ी बहस ने महाराष्ट्र की सियासत गरमा दी है। भाजपा और फडणवीस के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए। इससे पहले फडणवीस ने राहुल पर अर्बन नक्सलियों की मदद मांगने का आरोप लगाते हुए हमला किया था। पढ़ें कांग्रेस ने क्या दिया जवाब।
एएनआई, नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच राहुल गांधी की 'लाल किताब' को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा की ओर से इसे लेकर राहुल को निशाना बनाने के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए।
दरअसल, राहुल गांधी ने बुधवार को नागपुर के सुरेश भट सभागार में संविधान सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इस दौरान वहां मौजूद लोगों को संविधान की 'लाल किताब' बांटी गई। नोटपैड की तरह दिखने वाली किताब के कवर पर भारत का संविधान (Constitution of India) लिखा था।
फडणवीस ने लगाया था आरोप
इस पर भाजपा नेता एवं महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा था कि राहुल गांधी ने अर्बन नक्सलियों की मदद लेने के लिए लाल किताब का इस्तेमाल किया। फडणवीस ने कहा कि राहुल गांधी की भारत के संविधान के प्रति बेवफाई कल देखी गई। मैंने जो आरोप लगाया था, वह सच निकला। वह लाल किताब के साथ संविधान का महिमामंडन नहीं करना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने अपने साथ मौजूद अर्बन नक्सलियों और अराजकतावादियों से मदद मांगने के लिए यह नाटक किया।कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने फडणवीस की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि फडणवीस हताश हो रहे हैं, उन्हें पहले सोचना चाहिए और फिर बोलना चाहिए। एक्स पर एक पोस्ट में जयराम ने कहा, 'वह राहुल गांधी पर तथाकथित 'अर्बन नक्सलियों' से समर्थन प्राप्त करने के लिए 'लाल किताब' दिखाने का आरोप लगाते हैं। जिस किताब पर फडणवीस आपत्ति जता रहे हैं, वह भारत का संविधान है, जिसके मुख्य निर्माता डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर थे। यह भारत का वही संविधान है जिस पर नवंबर 1949 में आरएसएस ने हमला किया था कि यह मनुस्मृति से प्रेरित नहीं है।'जयराम ने आगे लिखा, 'यह भारत का वही संविधान है, जिसे गैर-जैविक प्रधानमंत्री बदलना चाहते हैं। जहां तक लाल किताब का सवाल है, देवेंद्र फडणवीस को पता होना चाहिए कि इसमें भारत के सबसे प्रतिष्ठित कानूनी व्यक्तित्वों में से एक के.के. वेणुगोपाल द्वारा लिखी गई प्रस्तावना है, जो 2017-2022 तक भारत के अटॉर्नी जनरल थे।'
Devendra Fadnavis is getting desperate. He accuses Rahul Gandhi of showing a " red book" to seek support from so-called "urban naxals".
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 7, 2024
This book which Mr. Fadnavis is taking objection to is the Constitution of India, of which Dr. Babasaheb Ambedkar was the main architect. This… pic.twitter.com/CUN14YKNbL