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Article 370 पर बंटी कांग्रेस, जर्नादन द्विवेदी बोले, इतिहास की पुरानी गलती को सुधारा गया, भले ही देर से

जम्‍मू-कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 का खत्‍म करने पर वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता जर्नादन द्विवेदी ने कहा कि मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया ने हमेशा इस अनुच्‍छेद का विरोध किया था।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Mon, 05 Aug 2019 11:08 PM (IST)
Article 370 पर बंटी कांग्रेस, जर्नादन द्विवेदी बोले, इतिहास की पुरानी गलती को सुधारा गया, भले ही देर से
नई दिल्‍ली, एएनआइ। अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर कांग्रेस पार्टी बंटी नजर आ रही है। राज्‍यसभा में अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले का विरोध करती नजर आई, वहीं कई कांग्रेसी नेता इस फैसले के समर्थन में नजर आए।

पार्टी के कदम से अलग रुख अपनाते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी ने अनुच्छेद-370 को खत्म किए जाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इतिहास में की गई गलती को सुधारा गया है। केंद्र द्वारा लिए गए इस फैसले से देश को फील गुड होगा। कुछ साल पहले तक पार्टी नेता सोनिया गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले द्विवेदी ने कहा, 'मैंने राम मनोहर लोहिया जी के नेतृत्व में राजनीति शुरू की थी। वह हमेशा इस अनुच्छेद के खिलाफ थे। आज इतिहास की एक गलती को सुधार लिया गया है।'

अपने इस बयान को निजी बताते हुए द्विवेदी ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर से संबंधित विधेयक लोकसभा में भी पारित हो जाएगा। द्विवेदी ने कहा कि एकमात्र चिंता का विषय जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया जाना है।

हालांकि मेरा मानना है कि यह क्षेत्र के विकास में बाधक नहीं बनेगा। एक सवाल का जवाब देते हुए द्विवेदी ने कहा कि मैंने हमेशा भारतीय नेतृत्व द्वारा कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताए जाने पर आपत्ति जताई। मेरी समझ में यह एक गलत अभिव्यक्ति थी और इसे बदला जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर हमें बार-बार इस बारे में स्पष्टीकरण की जरूरत क्यों है।    

Janardan Dwivedi, Congress on #Article370revoked : My political guru Ram Manohar Lohia ji was always against this Article. A mistake of history has been corrected today, albeit late. pic.twitter.com/BLI7Zf9Hzj

— ANI (@ANI) August 5, 2019 हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, महाराष्ट्र के मिलिंद देवड़ा से लेकर कई नेताओं ने अनुच्छेद 370 को हटाने का समर्थन किया है। दीपेंद्र हुड्डा ने तो इस अनुच्छेद को लेकर ट्वीट किया कि 21वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है। हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया।

दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट किया था, 'मेरी व्यतिगत राय रही है कि 21वी सदी मे अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए। ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नही, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है। अब सरकार की यह जिम्मेदारी है की इस का क्रियान्वयन शांति व विश्वास के वातावरण में हो।'

मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट कर कहा कि दुर्भाग्य से आर्टिकल 370 के मसले को लिबरल और कट्टर की बहस में उलझाया जा रहा है। पार्टियों को अपने वैचारिक मतभेदों को किनारे कर भारत की संप्रभुता, कश्मीर शांति, युवाओं को रोजगार और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय के लिहाज से सोचना चाहिए।

एक और कांग्रेसी नेता भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि आज कांग्रेस ने मुझे कश्मीर मुद्दे के बारे में व्हिप जारी करने को कहा, जबकि सच्चाई ये है कि देश का मिजाज पूरी तरह से बदल चुका है और ये व्हिप देश की जन भावना के खिलाफ है। भुवनेश्वर कलिता ने कहा कि पंडित नेहरू ने खुद अनुच्छेद 370 का विरोध किया था और कहा था कि एक दिन घिसते-घिसते यह खत्म हो जाएगा।

आज की कांग्रेस की विचारधारा से लगता है कि कांग्रेस आत्महत्या कर रही है और मैं इसमें कांग्रेस का भागीदार नहीं बनना चाहता हूं। मैं इस व्हिप का पालन नहीं करूंगा और मैं कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देता हूं।

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