Rahul Gandhi: राहुल को हो रहा होगा पछतावा? जिस अध्यादेश को 10 साल पहले फाड़ा आज वो बन सकता था 'संकट मोचक'
Rahul Gandhi Disqualified News कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सितंबर 2013 में एक अध्यादेश को फाड़ना भारी पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल राहुल गांधी ने खुद की सरकार द्वारा लाया गया एक अध्यादेश फाड़ दिया था और उसे बकवास बताया था।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 24 Mar 2023 04:10 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Rahul Gandhi Disqualified: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में सूरत कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें एक और झटका लगा। सूरत कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई। हालांकि, उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई, लेकिन इस मामले को लेकर लोकसभा सचिवालय द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी कर उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।
राहुल की आंखों के सामने से गुजरा इतिहास
अगर हमें भ्रष्टाचार से लड़ना है, तो छोटे समझौते बंद करना पड़ेगा। राहुल गांधी ने तत्कालीन यूपीए सरकार द्वारा लाए गए एक अध्यादेश को लेकर यह बात कही थी और आज इतिहास उनके सामने से गुजर रहा है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2013 के एक फैसले को निष्क्रिय करने के लिए एक अध्यादेश लाया गया था, जिसे राहुल गांधी ने फाड़ दिया था।
क्या था सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्क्रिय करने वाला अध्यादेश?
सितंबर 2013 में यूपीए सरकार ने अध्यादेश पारित कर सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को निष्क्रिय किया था, जिसमें कहा गया था कि सांसदों और विधायकों के दोषी पाए जाने पर उनकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। फैसले के खिलाफ अध्यादेश पारित भी हो गया था और उस वक्त भाजपा, वामदल समेत कई विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध भी किया था, लेकिन अध्यादेश को वापस नहीं लिया गया। हालांकि, राहुल गांधी के दखल के बाद इस अध्यादेश को वापस ले लिया गया था।खुद की सरकार पर राहुल ने उठाए थे सवाल
विपक्षी पार्टियों के हंगामे के बाद कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अध्यादेश की अच्छाइयों को जनता के सामने रखने की कोशिश की थी, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में राहुल गांधी पहुंचे और खुद की ही सरकार पर सवाल खड़े करने लगे। इस दौरान उन्होंने अध्यादेश को बकवास बताया था और अध्यादेश की कॉपी को फाड़ दिया था। जिसको लेकर आज भी भाजपा उन पर निशाना साधती रहती है।
उस वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि राजनीतिक दलों की वजह से हमें इसे लाने की आवश्यकता है। हर कोई यही करता है, लेकिन यह सब बंद होना चाहिए। अगर हम देश में भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते हैं, तो ऐसे सभी छोटे समझौते बंद करने पड़ेंगे। साथ ही उन्होंने सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को गलत बताया था।
राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए जब अध्यादेश को बकवास बता रहे थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अमेरिका के दौरे पर थे और वहां से लौटने के बाद अक्टूबर में सरकार ने अध्यादेश को वापस ले लिया था। अगर इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया जाता, तो शायद आज स्थिति दूसरी होती।