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'संसदीय परंपरा को दरकिनार कर रही है भाजपा', प्रोटेम स्पीकर की नियुक्त पर कांग्रेस सांसद ने उठाए सवाल, कहा- उन्हें मिलना चाहिए था पद

Lok Sabha Speaker लोकसभा स्पीकर की नियुक्ति के मुद्दे पर अब राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने भर्तृहरि महताब को लोकसभा स्पीकर बनाए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संसदीय परंपराओं को दरकिनार करना है। उन्होंने कहा है कि सबसे वरिष्ठ सदस्य होने के नाते परंपराओं के अनुसार उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 21 Jun 2024 11:00 PM (IST)
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कांग्रेस सांसद के सुरेश, लोकसभा भाजपा अध्यक्ष भर्तृहरि महताब (बाएं से दाएं)

पीटीआई, तिरुअनंतपुरम। आठ बार के कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने शुक्रवार को कहा कि सबसे वरिष्ठ लोकसभा सदस्य होने के नाते परंपराओं के अनुसार उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं करना दर्शाता है कि भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करना जारी रखेगी, जैसा कि उसने पिछले दो कार्यकाल में किया था।

सात बार के सांसद और भाजपा नेता भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने के एक दिन बाद सुरेश ने कहा कि यह अतीत में अपनाई गई परंपराओं के खिलाफ है। कांग्रेस सांसद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह निर्णय देश में संसदीय लोकतंत्र को खतरे में डालने के समान है।

'संसदीय प्रक्रियाओं को किया दरकिनार'

उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि भाजपा संसदीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करना जारी रखेगी या अपने हितों के लिए उनका इस्तेमाल करेगी, जैसा कि उसने पिछले दो कार्यकाल में किया था। निर्णय यह भी दर्शाता है कि भाजपा विपक्ष का अपमान करती रहेगी, उसके अवसर छीनती रहेगी और उसे वह मान्यता नहीं देगी, जिसकी वह हकदार है।

केरल के मुख्यमंत्री ने भी उठाए सवाल

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने संसदीय परंपराओं का कथित उल्लंघन करते हुए भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने और लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद के. सुरेश को यह पद नहीं देने के लिए केंद्र की आलोचना की। केंद्र के फैसले को आपत्तिजनक बताते हुए विजयन ने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद सुरेश को परंपरा के अनुसार इस पद के लिए क्यों नहीं चुना गया?