Karpoori Thakur: 'सरकार की हताशा...', कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने पर कांग्रेस ने BJP को क्यों याद दिलाई जाति जनगणना
Karpoori Thakur कांग्रेस ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ (मरणोपरांत) से सम्मानित किए जाने के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस ने कहा कि जाति आधारित जनगणना कराना ही कर्पूरी ठाकुर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी लेकिन नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकारी इससे भाग रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नई राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने से इनकार कर दिया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। कांग्रेस ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने के फैसले का स्वागत किया है। कांग्रेस ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करना भले ही मोदी सरकार की हताशा और पाखंड को दर्शाता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी इसका स्वागत करती है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने साधा केंद्र पर निशाना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा- 'सामाजिक न्याय के प्रणेता जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न दिया जाना भले ही मोदी सरकार की हताशा और पाखंड को दर्शाता है, फिर भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करती है।
'राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने से सरकार ने किया इनकार'
उन्होंने कहा कि ‘भागीदारी न्याय’ भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पांच स्तंभों में से एक है, इसके आरंभिक बिंदु के रूप में राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की आवश्यकता होगी। राहुल गांधी लगातार इसकी वकालत करते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 के नतीजे जारी करने से इनकार कर दिया है और एक नई राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने से भी इनकार कर दिया है।
'जातिगत जनगणना होगी कर्पूरी ठाकुर के लिए सही श्रद्धांजलि'
उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को भागीदारी देने के लिए जातिगत जनगणना कराना ही सही मायनों में जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को सबसे उचित श्रद्धांजलि होती, मगर मोदी सरकार इससे भाग रही है। बता दें कि देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार आखिरी बार 2019 में दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को प्रदान किया गया था।
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दो बार रहे बिहार के मुख्यमंत्री
बता दें कि दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मरणोपरांत भारत रत्न के लिए नामित किया गया है। कर्पूरी ठाकुर का 1988 में निधन हो गया था। वह पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे, जो दो बार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
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