कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार खड़गे ने आखिर क्यों कहा- 'बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे'
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल का जवाब सीधा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 12 Oct 2022 09:21 PM (IST)
भोपाल, एएनआइ। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल का जवाब सीधा नहीं दिया। उन्होंने इस सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे।' उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि मैं संगठनात्मक चुनाव लड़ रहा हूं। एक कहावत है 'बकरीद में बचेंगे तो मुहर्रम में नाचेंगे'। पहले इन चुनावों को खत्म होने दें और मुझे अध्यक्ष बनने दें, फिर हम इस बारे में देखेंगे।
सामूहिक नेतृत्व में करते हैं भरोसा
मालूम हो कि पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने के लिए राज्यसभा में विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा देने वाले खड़गे को पार्टी सांसद शशि थरूर से टक्कर का सामना करना पड़ रहा है। खड़गे ने इस दौरान कांग्रेस के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उनसे उनके पक्ष में वोट करने की अपील की। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह सामूहिक नेतृत्व में भरोसा करते हैं।
वरिष्ठ नेताओं के निवेदन पर ही चुनावी मैदान में उतरे
खड़गे ने इस दौरान कहा कि गांधी परिवार के सदस्य पार्टी के अध्यक्ष पद बनने के लिए सहमत नहीं हुए, जिसके कारण पार्टी के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं ने उनसे इस पद के लिए चनाव लड़ने का अनुरोध किया। इसी कारण वह चुनावी मैदान में उतरे। उन्होंने इस दौरान पार्टी के उदयपुर घोषणापत्र को लागू करने का एक बार फिर से वादा किया। उन्होंन कहा, 'पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद मैं उदयपुर घोषणापत्र को हर हाल में लागू करूंगा।'दोनों मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे
उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोगों के अधिकारों के लिए लड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि वह सिर्फ संगठनात्मक चुनाव तक शशि थरूर के खिलाफ मैदान में हैं हमारे बीच कोई अंतर नहीं है। हम दोनों मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ेंगे। यह भी पढ़ें- मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- टीआरएस नाम बदलने भर से नहीं बन सकती राष्ट्रीय पार्टी