Interview में शशि थरूर ने गांधी परिवार, जी-23, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत सभी बातों का दिया जवाब
शशि थरूर ने कहा लोग अपनी पसंद बनाने और अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं निराश नहीं हूं क्योंकि हम सब एक पार्टी में हैं हम दोस्त और सहकर्मी हैं। अगर जी23 के नेता अलग तरह से महसूस करते हैं तो यह उनकी राय है।
By Jagran NewsEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Sat, 01 Oct 2022 07:54 PM (IST)
नई दिल्ली, आईएएनएस | कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच मुकाबला होने जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि वह यह समझने में विफल हैं कि जी-23 नेता, जिन्होंने पहले पार्टी में चुनाव की बात की थी, अब पीछे क्यों हट रहे हैं और आम सहमति की बात कर रहे हैं। 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे बनाम शशि थरूर मुकाबला होने जा रहा हैं। खड़गे न केवल पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व हैं, उन्हें गांधी परिवार का समर्थन भी हासिल है। खड़गे को जी-23 नेताओं का भी समर्थन मिला है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी का नामांकन रद हो गया है।
गांधी परिवार किसी को नहीं करेगा समर्थन
शशि थरूर ने विशेष बातचीत में कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 5 साल बाद हो रहे हैं। पिछला चुनाव 2017 में हुआ था, जिसे राहुल गांधी ने सर्वसम्मति से जीता था। उससे पिछला चुनाव 2000 में हुआ था, जब सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को भारी अंतर से हराया था। गांधी परिवार ने फैसला किया है कि वह इस बार किसी भी उम्मीदवार का समर्थन नहीं करेंगे। मुझे गांधी परिवार ने कहा था कि वे पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में तटस्थ रहेंगे और कोई 'आधिकारिक' उम्मीदवार नहीं है। थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों का मानना है कि चुनाव पार्टी को मजबूत करेंगे, जो बहुत अच्छा है।प्रश्न: क्या आप जी-23 नेताओं का समर्थन नहीं मिलने से निराश हैं?
उत्तर : कांग्रेस में जी -23 कोई संगठन नहीं है। सोनिया गांधी को पत्र भेजने वाले वरिष्ठ नेताओं ने 100 लोगों से समर्थन मांगा था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण पत्र पर इतने हस्ताक्षर नहीं हो सके, इसलिए पत्र सोनिया गांधी को 23 नेताओं के हस्ताक्षर के साथ भेजा गया था। उस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले तीन मुख्य व्यक्तियों ने पार्टी छोड़ दी है। मैं G-23 का प्रतिनिधि नहीं था और न ही मेरा एक होने का इरादा है, लेकिन मैंने उनकी सोच का समर्थन किया और उनका एक विचार था कि पार्टी में चुनाव होना चाहिए। अब मैं पार्टी प्रमुख के पद के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। मुझे यह भी लगता है कि कार्यसमिति के लिए भी चुनाव होना चाहिए। हालांकि, जिन लोगों ने कहा था कि पार्टी में चुनाव होना चाहिए, वे अब कह रहे हैं कि आम सहमति होनी चाहिए और चुनाव नहीं होने चाहिए। मैं यह समझने में असफल रहा कि उनका मन कैसे बदल गया, लेकिन मैं चुनाव लड़ रहा हूं। मैंने चिट्ठी में जो कुछ भी लिखा था, मैं अब भी उस पर कायम हूं
प्रश्न: क्या आप निराश हैं कि G23 नेताओं ने आपका समर्थन नहीं किया? या फिर नेतृत्व ने आपको विश्वास में नहीं लिया और खड़गे का नाम सुझाया?
उत्तर: लोग अपनी पसंद बनाने और अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं निराश नहीं हूं क्योंकि हम सब एक पार्टी में हैं, हम दोस्त और सहकर्मी हैं। अगर जी23 के नेता अलग तरह से महसूस करते हैं तो यह उनकी राय है।