Move to Jagran APP

'दीवारों पर बेटी बचाओ पेंट करवाने से काम नहीं चलेगा', खरगे ने केंद्र से पूछे ये तीन सवाल

Mallikarjun Kharge On Women Safety कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को कहा कि हमारी महिलाओं के साथ हुआ कोई भी अन्याय असहनीय पीड़ादायक और घोर निंदनीय है। हमें बेटी बचाओ नहीं बेटी को बराबरी का हक सुनिश्चित करो करना चाहिए। महिलाओं को संरक्षण नहीं भयमुक्त वातावरण चाहिए। महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकना बड़ी चुनौती है। महिलाओं की सुरक्षा पर केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Fri, 30 Aug 2024 10:11 AM (IST)
Hero Image
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर खरगे ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रपति की जाहिर की गई गंभीर चिंता का जहां एक ओर समर्थन किया है वहीं दूसरी ओर महिला सुरक्षा के मुद्दों की अनदेखी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना भी साधा है।

हालांकि कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लालकिले के भाषणों में महिला सुरक्षा की बात तो की है मगर उनकी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को रोकने के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाया है।

एकजुट होकर उपाय तलाशने होंगे

निर्भया कांड के बाद जस्टिस वर्मा कमीशन के सुझावों के अनुरूप लागू किए जाने वाले जरूरी कदमों की पैरोकारी करते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकना देश के लिए एक बड़ी चुनौती है और सबको एकजुट होकर इसके उपाय तलाशने होंगे।

दर्ज नहीं होते कई मामले

खरगे ने कहा कि देश में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ 43 अपराध दर्ज होते हैं। हर दिन 22 अपराध सबसे कमजोर दलित-आदिवासी वर्ग की महिलाओं व बच्चों के खिलाफ दर्ज होते हैं और अनगिनत अपराध तो डर-भय या सामाजिक कारणों के चलते दर्ज भी नहीं होते।

कानून व्यवस्था पर देना होगा ध्यान

खरगे ने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल में मोदी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कुछ रोकथाम के उपाय नहीं किए उल्टा उनकी पार्टी ने कई बार पीड़िता का चरित्र हनन भी किया है।

खरगे ने उठाए सवाल

  • हर दीवार पर बेटी बचाओ पेंट करवा देने से क्या सामाजिक बदलाव आएगा या सरकारें व कानून व्यवस्था सक्षम बनेगी?
  • उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार और प्रशासन ने वारदात को छिपाने का काम नहीं किया है?
  • क्या पीडि़ताओं का अंतिम संस्कार जबरन करना बंद कर दिया है, ताकि सच्चाई बाहर न आ पाएं?

प्रावधानों का ठीक से पालन हो

खरगे ने कहा कि हमें ये सोचना है कि जब 2012 में दिल्ली में निर्भया के साथ वारदात हुई तो जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफ़ारिशें लागू हुई थी, आज क्या उन सिफारिशों को हम पूर्णत: लागू कर पा रहे हैं? क्या 2013 में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न, के प्रावधानों का ठीक से पालन हो रहा है।

न्यायिक सुधार की भी जरूरत

महिला सुरक्षा की दिशा में बेहतरी के लिए जेंडर सेनशिटाइजेशन पाठयक्रम, जेंडर बजटिंग, महिला कॉल सेंटर, शहरों में सड़कों पर स्ट्रीट लाइट लगाने से लेकर पुलिस और न्यायिक सुधारों से जुड़े कदम उठाए जाने की खरगे ने वकालत की।

यह भी पढ़ें: 'कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दें मल्लाकार्जुन खरगे', बेटे को रियायत पर मिली जमीन तो BJP ने खोला मोर्चा