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'अधिकारियों को प्रचार रथ प्रभारी बनाने का आदेश वापस ले सरकार', खरगे ने PM मोदी को पत्र लिखकर की मांग

विकसित भारत संकल्प यात्रा निकालकर नौ साल की केंद्र की उपलब्धियां बताने के प्रस्ताव पर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लेकर नौकरशाही के राजनीतिकरण पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सरकार के प्रचार रथ प्रभारी बनाने के आदेश को वापस लेना चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 22 Oct 2023 08:51 PM (IST)
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर नौकरशाही के राजनीतिकरण पर जताई चिंता
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार की नौ साल की उपलब्धियों का प्रचार करने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के देश भर में यात्रा निकालने के प्रस्ताव पर विपक्ष ने गहरा एतराज किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी आइएनडीआइए की ओर से चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि अधिकारियों को यात्रा निकालने का सरकार का आदेश नौकरशाही का 'राजनीतिकरण' करने का प्रयास है। खरगे ने अधिकारियों को रथ प्रभारी के रूप में तैनात कर यात्रा निकालने के सरकारी आदेश को वापस लेने की भी मांग की है।

खरगे ने की आदेश को वापस लेने की मांग

केंद्र सरकार की नौ वर्ष के कामकाज की उपलब्धियों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के माध्यम से देश के लगभग 2.70 लाख पंचायतों तक पहुंचाने के प्रस्तावित अभियान से जुड़े आदेश-पत्र के सार्वजनिक होने के बाद गरमाई सियासत के बीच मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को पीएम मोदी को पत्र लिख कर इस आदेश को वापस लेने की मांग की।

'अधिकारियों को तैनात करना चिंता का विषय'

18 अक्टूबर 2023 के कार्मिक विभाग के पत्र का हवाला देते हुए खरगे ने कहा कि संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसे उच्च रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को देश के सभी 765 जिलों में तैनात करने के आदेश इंडिया गठबंधन ही नहीं सबके लिए चिंता की बात है। नौ वर्षों की उपलब्धियां बताने के लिए अधिकारियों को ''रथ प्रभारियों'' के रूप में तैनात करने का यह आदेश महज संयोग नहीं है, बल्कि राजनीतिक मकसद से संस्थागत तंत्रों का इस्तेमाल करने की मोदी सरकार की शैली के अनुरूप है। मगर यह आदेश सरकारी कर्मचारियों के राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेने के सिविल सेवा आचार संहिता के खिलाफ है।

... तो छह महीने तक ठप हो जाएगी देश की शासन व्यवस्था

खरगे ने पत्र में कहा कि ऐसे आदेशों के जरिए सरकारी अधिकारियों को सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक कार्यकर्ताओं में बदल दिया जाता है और अधिकारियों को सरकार के प्रचार कार्य में लगाया गया तो अगले छह महीने तक देश की शासन व्यवस्था ठप हो जाएगी।

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रक्षा मंत्रालय के पत्र की आलोचना

कांग्रेस अध्यक्ष ने विकसित भारत संकल्प यात्रा में बड़े पैमाने पर अधिकारियों को रथ प्रभारी के रूप में तैनात करने के मुद्दों को उछालने के साथ सैनिकों को वार्षिक छुटटी पर जाने के दौरान सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए भी समय देने के रक्षा मंत्रालय के नौ अक्टूबर 2023 के दिशा-निर्देश पत्र की आलोचना की।

'सैनिकों की छुट्टी का अपहरण नहीं किया जाना चाहिए'

खरगे ने कहा कि लोकतंत्र में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सशस्त्र बलों को राजनीति से बाहर रखा जाए। सैनिकों को सरकारी योजनाओं के प्रचार एजेंट बनने के लिए मजबूर करना सशस्त्र बलों के राजनीतिकरण की दिशा में एक खतरनाक कदम है। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी छुट्टी का अपहरण नहीं किया जाना चाहिए।

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'सिविल सेवकों और सैनिकों को राजनीति से बाहर रखा जाए'

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम से मांग की कि सिविल सेवकों और सैनिकों दोनों को राजनीति से बाहर रखा जाए और विशेष रूप से चुनाव से पूर्व ऐसा करना बेहद जरूरी भी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआइ जैसी एजेंसियां तो पहले से ही भाजपा के चुनाव विभागों के रूप में काम कर रहे हैं।