जातिगत जनगणना से क्यों भाग रही भाजपा, कहां है अरविंद पनगढ़िया कमेटी की रिपोर्ट? खरगे का केंद्र से सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। इसलिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ जातिगत जनगणना के आधार पर मिलना चाहिए।
नई दिल्ली, पीटीआई। Caste Census: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना को बेहद जरूरी बताया। उन्होंने भाजपा सरकार पर जातिगत जनगणना नहीं कराने का आरोप लगाया और कहा कि इसके अभाव में समाज के अन्य पिछड़ों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
'2021 में प्रस्तावित जनगणना को 2024 तक क्यों टाला गया?'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बन चुका है। ऐसे में देश के पिछड़े वर्गों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए 2021 में प्रस्तावित जनगणना को 2024 तक क्यों टाला गया? जातिगत जनगणना के बिना पात्रों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सामान्य जनगणना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनसंख्या ज्ञात है, लेकिन ओबीसी वर्ग की नहीं, जिसके कारण उनके आरक्षण का सही अनुपात तय नहीं किया गया है।
'जातिगत जनगणना के आधार पर मिले आरक्षण का लाभ'
खरगे ने कहा कि यदि मोदी सरकार और उनके मंत्री ओबीसी वर्ग के दिखावटी कल्याण के लिए घड़ियाली आंसू बहाते रहते हैं, तो वे जातिगत जनगणना और 2021 की जनगणना तुरंत एक साथ क्यों नहीं करवा लेते हैं। उन्होंने 2022 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आरक्षण का लाभ जातिगत जनगणना के आधार पर दिया जाए।
'जातिगत जनगणना से क्यों डरती है भाजपा?'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "भाजपा जाति जनगणना से क्यों डरती है? 2011-12 में जो जातिगत जनगणना हुई, उसके आधार पर खाद्य सुरक्षा कानून जैसी कल्याणकारी योजनाएं संभव हुईं।" उन्होंने पूछा कि 2015 में मोदी सरकार ने अरविंद पनगढ़िया कमेटी बनाकर जातियों के वर्गीकरण का काम शुरू किया था। ऐसा क्यों किया गया और इसकी रिपोर्ट कहां है?" बता दें, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना की मांग उठाई है। आने वाले दिनों में वो इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में हैं।