चुनाव आयुक्त की नियुक्ति विधेयक पर विवाद: कांग्रेस को आई आडवाणी की याद, शेयर की ये चिट्ठी
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार एक विधेयक लेकर आई है। कांग्रेस ने इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार चुनाव आयोग पर अपना नियंत्रण चाहती है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की 11 साल पुरानी एक चिट्ठी का भी जिक्र किया है। (फाइल फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Fri, 11 Aug 2023 12:24 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने 10 अगस्त को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति व सेवा संबंधी विधेयक राज्यसभा में पेश किया। नए बिल के मुताबिक, चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति अब तीन सदस्यीय समिति करेगी। इस समिति के अध्यक्ष पीएम होंगे, जबकि लोकसभा में विपक्ष के नेता और एक केंद्रीय मंत्री (पीएम द्वारा नामित) भी समिति के सदस्य होंगे। इस विधेयक को लेकर विपक्षी दल हंगामा कर रहे हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार चुनाव आयोग पर अपना नियंत्रण चाहती है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा कि सीईसी बिल के लिए समिति में 2:1 के अनुपात से प्रभुत्व होगा। मोदी सरकार चुनावी साल में चुनाव आयोग पर अपना नियंत्रण सुनिश्चित करना चाहती है।
कांग्रेस को आई आडवाणी की याद
चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधित विधेयक पेश होने के बाद कांग्रेस बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को याद कर रही है। कांग्रेस ने एक चिट्ठी का जिक्र किया है जिसे आडवाणी ने जून 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी थी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा पूर्वाग्रह की किसी भी धारणा को दूर करने के लिए संवैधानिक निकायों में नियुक्तियां द्विदलीय तरीके से की जानी चाहिए।पांच सदस्यीय पैनल की गठन की मांग
जयराम ने कहा कि आडवाणी ने उस समय प्रधानमंत्री के अलावा भारत के मुख्य न्यायाधीश और दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं के साथ एक पैनल का भी प्रस्ताव रखा था। पैनल में प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और कानून मंत्री को शामिल करने की मांग की थी।
कांग्रेस के मुताबिक, आडवाणी ने अपनी चिट्ठी में लिखा था, 'देश में एक राय तेजी से बढ़ रही है, जो मानती है कि चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक निकायों में नियुक्तियां द्विदलीय आधार पर की जानी चाहिए। पक्षपात या पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी की किसी भी धारणा को दूर करना चाहिए।'“There is a rapidly growing opinion in the country which holds that appointments to Constitutional bodies such the Election Commission should be done on a bipartisan basis in order to remove any impression of bias or lack of transparency and fairness.”
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 11, 2023
No, this isn’t a Modi… pic.twitter.com/NDXAHLQ6DZ
अभी कैसे होती है चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति?
मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर एक व्यवस्था है। व्यवस्था में इन पदों के खाली होने पर सर्च कमेटी देश के वरिष्ठ व सेवानिवृत्त नौकरशाहों के नाम का इसके लिए चयन करती है। बाद में इन नामों को पीएम के पास भेज दिया जाता है। इसमें से किसी एक नाम को पीएम मेरिट के आधार पर राष्ट्रपति को भेज देते हैं।