'नेहरूवादी विरासत को बदनाम करना पीएम का एजेंडा', नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदले जाने पर भड़की कांग्रेस
विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय का नाम बदल जाने को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। जयराम रमेश ने PM मोदी पर नेहरूवादी विरासत को विकृत करने उसे बदनाम और नष्ट करने का आरोप लगाया है। विपक्षी दल ने कहा कि अथक हमले के बावजूद जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
नई दिल्ली, एजेंसी। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का आधिकारिक तौर पर नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। बुधवार को कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ही सूत्री एजेंडा है - नेहरूवादी विरासत को 'इनकार करना', 'विकृत करना', 'बदनाम करना' और 'नष्ट करना'। विपक्षी दल ने जोर देकर कहा कि अथक हमले के बावजूद, जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के सामने जीवित रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'आज से, एक प्रतिष्ठित संस्थान को एक नया नाम मिला है। विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) पीएमएमएल-प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय PMML बन गया है।
Delhi | Nehru Memorial Museum and Library (NMML) officially renamed as the Prime Ministers’ Museum and Library (PMML) Society with effect from 14th August.
Visuals from outside PMML. pic.twitter.com/wZ3vN1LBJd— ANI (@ANI) August 16, 2023
'N को मिटाकर P डाल दिया'
जयराम रमेश ने कहा, 'मोदी के पास भय, जटिलताओं और असुरक्षाओं का एक बड़ा बंडल है, खासकर जब बात हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है। उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है।' कांग्रेस नेता ने उन्होंने एन (N) को मिटाकर उसकी जगह पी (P) डाल दिया है। वह पी वास्तव में क्षुद्रता और चिढ़ के लिए है।' रमेश ने कहा, 'मोदी स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू के विशाल योगदान और भारतीय राष्ट्र-राज्य की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदार नींव के निर्माण में उनकी महान उपलब्धियों को कभी भी छीन नहीं सकते।'
भारत के स्वर्णिम इतिहास को दबाने का प्रयास
जयराम रमेश के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी भाजपा पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'यह और कुछ नहीं बल्कि कुंठित मानसिकता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू पहले पीएम थे। उनके नाम पर एक संस्था का नाम रखा गया और उनके कार्यकाल को प्रतिबिंबित करने के लिए एक संग्रहालय बनाया गया। अगर आपको (केंद्र) बनाना था अन्य प्रधानमंत्रियों पर एक संस्था, आप ऐसा कर सकते थे। लेकिन अगर आप कुछ दबाते हैं या हटाते हैं, तो इसका मतलब है कि आपका मकसद कभी प्रदर्शन नहीं था, बल्कि भारत के स्वर्णिम इतिहास को दबाने का प्रयास था।'
#WATCH | Congress leader Sandeep Dikshit says, "This is nothing else but a frustrated mindset. Pt Jawaharlal Nehru was the first PM. An institution was named after him and a museum was built to reflect his tenure...If you (Centre) had to make an institution on other PMs, you… https://t.co/p7SQ1qIHM8 pic.twitter.com/zlVRPD3WF3
इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते
शिव सेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी नाम बदले जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। राउत ने कहा, 'उनके पास और क्या बचा है? आप इमारत का नाम बदल सकते हैं लेकिन आप इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते। महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जी द्वारा बनाए गए इतिहास को बदलें। आप उनके जैसा इतिहास नहीं बना सकते इसलिए आप नाम बदल रहे हैं।'
#WATCH | Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, "What else are they left with?...You may change the name of the building but you can't change the name of Pandit Nehru that is mentioned in history. You can't change the history created by Mahatma Gandhi, Pandit Nehru, Netaji… https://t.co/p7SQ1qIHM8 pic.twitter.com/lZbruVloyW— ANI (@ANI) August 16, 2023
भाजपा का पलटवार
प्रधानमंत्री मोदी पर काग्रेंस द्वारा लगाए गए आरोप पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश और पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरू जी और परिवार ही मायने रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने सभी पीएम को सम्मानजनक स्थान दिया है।
देश के संग्रहालय में लाल बहादुर शास्त्री को वहां जगह क्यों नहीं मिली? वहां न तो इंदिरा गांधी थीं, न राजीव गांधी, न मोरारजी देसाई, न चौधरी चरण सिंह, न अटल बिहारी वाजपेई, न आईके गुजराल, न एचडी देवेगौड़ा। सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है तो इसलिए यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है।'
#WATCH | BJP MP Ravi Shankar Prasad says, "There is a basic difference between the thinking of Congress party and Jairam Ramesh & PM Narendra Modi. They (Congress) think that only Nehru ji and family matters. Narendra Modi gave a respectful position to all the PMs of the country… https://t.co/KzGKH995Wj pic.twitter.com/cv9xinCdnu— ANI (@ANI) August 16, 2023
14 अगस्त को बदला गया नाम
एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 14 अगस्त से नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय सोसायटी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय की कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ने 'एक्स', जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था, पर एक पोस्ट में यह बात कही।