'ISRO के निर्माण में पंडित नेहरू के योगदान को कुछ लोग पचा नहीं पा रहे हैं' कांग्रेस का बीजेपी पर निशाना
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में पंडित नेहरू और अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के योगदान को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग चल रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने इसरो की स्थापना में पंडित नेहरू के योगदान को पचाने में असमर्थ लोगों की आलोचना करते हुए 28 मिनट का वीडियो एक्स पर शेयर किया है। कांग्रेस का कहना है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे।
By Achyut KumarEdited By: Achyut KumarUpdated: Mon, 28 Aug 2023 09:32 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। ISRO Chandrayaan 3 Mission: कांग्रेस का कहना है कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते थे। इसके साथ ही कांग्रेस ने पंडित नेहरू की आलोचना करने वालों पर भी निशाना साधा।
कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही जुबानी जंग
दरअसल, भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में पंडित नेहरू और अन्य कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों के योगदान को लेकर कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग चल रही है। विपक्षी दल अपने नेताओं के प्रयासों को उजागर कर रहा है, जबकि सत्तारूढ़ दल का दावा है कि 2014 के बाद इस क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है।
जयराम रमेश ने शेयर किया वीडियो
रविवार को 'एक्स' पर एक पोस्ट में, कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा, "नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। ISRO के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च)के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें।" रमेश ने कार्यक्रम में नेहरू के भाषण का एक वीडियो भी साझा किया।नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। ISRO के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 27, 2023
वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ़ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फ़ैसले लेते थे। pic.twitter.com/phCzbEZ6fo
प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना
रमेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, "वह बादलों से रडार को बचाने वाले विज्ञान के ज्ञाता की तरह सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें नहीं करते थे बल्कि बड़े-बड़े फैसले लेते थे।"
प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है चंद्रयान-3
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलता के बाद कांग्रेस ने कहा था कि यह प्रत्येक भारतीय की सामूहिक सफलता है। इसरो की उपलब्धि निरंतरता की गाथा को दर्शाती है। यह वास्तव में शानदार है।1969 में हुई इसरो की स्थापना
कांग्रेस ने कहा है कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1962 में INCOSPAR के गठन के साथ शुरू हुई, जो होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता के साथ-साथ देश के पहले प्रधान मंत्री नेहरू के उत्साही समर्थन का परिणाम था। बाद में, अगस्त 1969 में, साराभाई ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना की।