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'आप अहंकार में डूबे, कानूनी कार्रवाई हो सकती है' कांग्रेस ने EC को लिखा तीन पन्नों का पत्र

कांग्रेस ने शुक्रवार को चुनाव आयोग पर हरियाणा विधानसभा चुनावों में अनियमितताओं के आरोपों को खारिज किया। कांग्रेस ने तीन पन्नों को पत्र लिखकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा। कांग्रेस ने कहा कि हमें आश्चर्य नहीं है कि चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों की जांच की है और खुद को क्लीन चिट दे दी है। मशीनों की बैटरी में गड़बड़ी के प्रश्न का उत्तर भ्रमित करने वाला है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Fri, 01 Nov 2024 05:12 PM (IST)
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राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे (File Photo)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में के संबंध में कांग्रेस की शिकायतों पर चुनाव आयोग से मिले जवाबों पर पार्टी ने असंतुष्टि जताई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने हरियाणा चुनाव से संबंधित शिकायतों पर स्पष्टीकरण देने के बजाय गोल-मोल जवाब दिए हैं। कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अहंकार में डूबा हुआ बताया। कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त को तीन पन्ने की चिट्ठी लिखी है।

प्रतिक्रिया के लिये किया गया मजबूर

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि हमें हरियाणा चुनाव में विधानसभा क्षेत्रों में उत्पन्न मुद्दों पर 9 अक्टूबर 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाई गई, गंभीर चिंताओं पर आपका 29 अक्टूबर 2024 का उत्तर प्राप्त हुआ है। 

हमने हमारी शिकायतों पर आपकी प्रतिक्रिया का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चुनाव आयोग ने खुद को क्लीन चिट दे दी है। हम आम तौर पर इसे वहीं रहने देते। हालांकि, ईसीआई की प्रतिक्रिया का लहजा और भाव, इस्तेमाल की गई भाषा और कांग्रेस के खिलाफ लगाए गए आरोप हमें प्रतिक्रिया प्रस्तुत करने के लिए मजबूर करते हैं।

कांग्रेस ने बताई- क्या है EC की जिम्मेदारी

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'सबसे पहले ईसीआई ने उठाए गए मुद्दों पर हमारे साथ जुड़ने में अपनी कृपा की 'असाधारण' प्रकृति बताते हुए अपना उत्तर प्रस्तुत किया। हम नहीं जानते कि माननीय आयोग को कौन सलाह दे रहा है या मार्गदर्शन कर रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि आयोग भूल गया है कि यह संविधान के तहत स्थापित एक निकाय है और इसे कुछ महत्वपूर्ण कार्यों - प्रशासनिक और अर्ध-न्यायिक दोनों के निर्वहन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यदि आयोग किसी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी को सुनवाई की अनुमति देता है या उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों की सद्भावना से जांच करता है तो यह कोई 'अपवाद' या 'भोग' नहीं है।'

कांग्रेस ने दी कोर्ट जाने की चेतावनी

जयराम रमेश ने कहा कि यह एक कर्तव्य का प्रदर्शन है जिसे करना आवश्यक है। यदि आयोग हमें सुनवाई देने से इनकार कर रहा है या कुछ शिकायतों पर शामिल होने से इनकार कर रहा है, तो कानून चुनाव आयोग को इस कार्य का निर्वहन करने के लिए मजबूर करने के लिए उच्च न्यायालयों के असाधारण क्षेत्राधिकार का सहारा लेने की अनुमति देता है।

वोटो की गिनती पर उठे सवाल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 'चुनाव आयोग ने अपने उत्तर के पैरा 8 में जिस 'पैटर्न' की पहचान करने की मांग की है, वह कपटपूर्ण है। उठाए गए अधिकांश मुद्दे आदर्श आचार संहिता की घोषणा से लेकर चुनावों के समापन तक की छोटी अवधि से संबंधित हैं। वोटो की गिनती बात करें तो, कभी-कभी परिणाम घोषित होने के बाद तक स्थिति स्पष्ट होती है और कभी-कभी अन्य बूथों से जानकारी की तुलना होने के बाद ही स्पष्ट होती है। यदि हम बुरे विश्वास वाले अभिनेता होते, तो हम शुरुआत में कभी भी चुनाव आओग के साथ नहीं जुड़ते। हम अपनी शिकायतों का बड़ी मेहनत से दस्तावेजीकरण नहीं करते।'

पीएम और गृह मंत्री पर नहीं हुई कार्रवाई

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हम इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के खिलाफ सौ से अधिक शिकायतों में से ईसीआई ने शून्य शिकायतों पर कार्रवाई की है, जबकि हमारे पार्टी अध्यक्ष और पूर्व पार्टी अध्यक्ष को उनके कार्यों और भाषणों के लिए जवाबदेह ठहराया है। हम यह बताना चाहेंगे कि कैसे चुनाव आयोग ने कभी भी इस संबंध में एक पूर्व आयुक्त द्वारा असहमति नोट प्रकाशित नहीं किया, बल्कि इसे सक्रिय रूप से दबा दिया।

सुप्रीम कोर्ट को देना पड़ा था दखल

जयराम ने कहा कि हम यह बताना चाहेंगे कि ईसीआई ने वीवीपैट सत्यापन संख्या में पारदर्शिता के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को आदेश देना पड़ा था। हम ईसीआई को उपरोक्त तथ्यों की जांच करने की चुनौती देते हैं क्योंकि उसे लगता है कि कांग्रेस की आशंकाएं काल्पनिक बातों पर आधारित हैं। हमारे पास ऐसे कई उदाहरण हैं, उन्हीं 2-3 उदाहरणों से कहीं अधिक जिन्हें ईसीआई दोहराने पर अड़ा हुआ है।

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