UP Bypoll: उपचुनाव में क्या साथ आएंगे 'यूपी के दो लड़के'? जानिए कहां फंस रहा सपा और कांग्रेस में पेच
यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए सभी दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव होना है। कांग्रेस ने इन 10 सीटों में से पांच पर लड़ने का प्रस्ताव हाईकमान को भेजा है। हालांकि कांग्रेस को सपा दो सीट देने के ही मूड में है। यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस काफी उत्साहित है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में छह संसदीय सीटें जीतने से उत्तर प्रदेश में लगभग तीन दशक से निढाल पड़ी कांग्रेस को संजीवनी मिल गई। यही कारण है कि ऊर्जीकृत प्रदेश इकाई ने माहौल बनाए रखने के लिए 10 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में सपा के बराबर पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव हाईकमान को भेज दिया, लेकिन कांग्रेस की तरह ही सपा की नजर भी 2027 के विधानसभा चुनाव पर है और वह कांग्रेस को अपनी जमीन देने के मूड में नहीं है। सपा से संकेत सिर्फ दो सीटों का मिला है और सपा की बैसाखी पर टिकी कांग्रेस भी समझौते की मजबूरी में ठिठकती नजर आ रही है।
पिछले उपचुनाव में क्या थे नतीजे?
सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पिछले विधानसभा चुनाव में इन दस में से पांच सीटें सपा जीती थी, जबकि तीन पर भाजपा और एक पर उसकी सहयोगी निषाद पार्टी जीती। एक सीट रालोद ने सपा के साथ गठबंधन में रहते हुए जीती थी, लेकिन अब वह भाजपा के साथ है। ऐसे में सपा बेहद उत्साहित है, क्योंकि पिछले परिणाम को देखते हुए उसका पलड़ा भारी है। ऐसे में कांग्रेस ने भी सपा के सहारे अपने विस्तार की आस जोड़ ली। वर्तमान में कांग्रेस के पास विधानसभा की मात्र दो सीटें हैं और लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन का लाभ मिलने से उसकी सीटें एक से बढ़कर छह पर पहुंच गईं। ऐसे में कांग्रेस की प्रदेश इकाई की ओर से पार्टी हाईकमान को प्रस्ताव दे दिया कि पांच सीटों पर सपा लड़े और जिन सीटों पर भाजपा या उसकी सहयोगी दल जीते थे, वह कांग्रेस को लड़ने के लिए दी जाएं।
किन सीटों पर होंगे उपचुनाव?
- उत्तर प्रदेश में प्रयागराज की फूलपुर
- अलीगढ़ की खैर
- गाजियाबाद
- मीरजापुर की मझवां
- मुजफ्फरनगर की मीरापुर
- अयोध्या की मिल्कीपुर
- मैनपुरी की करहल
- अंबेडकरनगर की कटेहरी
- मुरादाबाद की कुंदरकी
- कानपुर की सीसामऊ
कांग्रेस को दो सीटें दे सकती है सपा
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में गत दिवस हुई बैठक में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने हाईकमान के सामने अपनी मंशा जाहिर भी कर दी, लेकिन हाईकमान ने इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की। बताया गया है कि सपा की ओर से संकेत दिया गया है कि कांग्रेस को उपचुनाव लड़ने के लिए सिर्फ दो सीटें दी जाएंगी। उसमें भी एक गाजियाबाद और दूसरी अलीगढ़ की खैर, जबकि कांग्रेस को अधिक उम्मीद फूलपुर, मझवां और मीरापुर सीट से है। गाजियाबाद और खैर में भाजपा तुलनात्मक रूप से अधिक मजबूत है। कांग्रेस पांच सीटों पर इसलिए लड़ना चाहती है, ताकि यदि दो-तीन सीटें सपा के सहारे वह जीत गई तो 2027 के लिए सकारात्मक संदेश जाएगा और पार्टी मजबूत होगी।वहीं, सूत्रों के अनुसार सपा भी गठबंधन तो बनाए रखना चाहती है, लेकिन वह अपनी जमीन कांग्रेस को नहीं देना चाहती। कांग्रेस भी मजबूत दावेदारी की स्थिति में नहीं है, लेकिन हो सकता है कि कांग्रेस द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव में सपा को अच्छा प्रस्ताव दिए जाने का असर उत्तर प्रदेश में भी दिखाई दे। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि कार्यकर्ताओं की मांग पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने राष्ट्रीय नेतृत्व को प्रस्ताव भेजा है कि हम उन सीटों पर जरूर चुनाव लड़ें, जहां भाजपा के विधायक हैं। कांग्रेस और सपा के बीच बातचीत चल रही है। वह कहते हैं कि चूंकि दोनों दल आगे बढ़ना चाहते हैं, इसलिए आपस में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा है और उपचुनाव के सीट बंटवारे से गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।