पुरानी पेंशन बहाली को 2024 में चुनावी वादा बनाएगी कांग्रेस, नौकरीपेशा मध्यम वर्ग को पार्टी से जोड़ने की कोशिश
कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की कमान संभालने के दिन ही रूठे मतदाताओं को मनाने में कसर बाकी नहीं रखने का एलान किया था। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस पहलू पर खासा फोकस कर रहे हैं।
By Sanjay MishraEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 10 Nov 2022 09:10 PM (IST)
संजय मिश्र, नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है, गुजरात में यह गरमाने लगा है। विधानसभा चुनाव के नतीजे बताएंगे कि जनता किस मुद्दे पर वोट करती है? लेकिन कांग्रेस मन बना चुकी है कि नौकरीपेशा मध्यम वर्ग से टूटे तार जोड़ने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम को गरमाया जाएगा। संकेत है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली को अहम चुनावी मुद्दा बनाएगी। रेवड़ी संस्कृति पर आर्थिक विशेषज्ञों की ओर से सवाल खड़े हो रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के बाद गुजरात में पार्टी घोषणापत्र में भी शामिल होगा ओपीएस
हिमाचल चुनाव से जुड़े पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकारों ने प्रचार अभियान थमने के बाद स्वीकार किया कि एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन स्कीम के वादे ने कांग्रेस के चुनाव अभियान को प्रभावशाली बनाने में सबसे प्रमुख भूमिका निभाई है। पिछले आठ-नौ वर्षों में कांग्रेस के लगातार चुनावी पराजयों में रूठे मध्यम वर्ग की सबसे प्रमुख भूमिका रही है। सोनिया गांधी ने उदयपुर संकल्प शिविर में जनता और विशेष रूप से मध्यम वर्ग से संवाद के टूटे तार की बात उठाते हुए भारत जोड़ो यात्रा की घोषणा की थी।
राहुल कर्नाटक के चुनावी वादे में इसे शामिल करने की कर चुके हैं घोषणा
कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी की कमान संभालने के दिन ही रूठे मतदाताओं को मनाने में कसर बाकी नहीं रखने का एलान किया था। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस पहलू पर खासा फोकस कर रहे हैं। कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम दिन राहुल ने पार्टी की इस रणनीति का साफ संकेत देते हुए 2023 के मार्च-अप्रैल में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम को अहम मुद्दा बनाने का एलान किया। राहुल ने साफ कहा कि एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना कांग्रेस के चुनावी वादे में शामिल होगा।