Maharashtra Political Crisis: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से भाजपा के हौसले हुए बुलंद, मुंबई पहुंच सकते हैं एकनाथ शिंदे
Maharashtra Political Crisis सोमवार शाम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के आवास पर हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई। भाजपा हर गतिविधि पर नजर रख रही है। वह वेट एंड वाच की भूमिका में है।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 27 Jun 2022 11:11 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेना के बागी विधायकों के संबंध में सोमवार को आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने भाजपा के हौसले बुलंद कर दिए हैं। इस फैसले के बाद राज्यपाल की भूमिका बढ़ गई है। शिंदे गुट जल्दी ही राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर आग्रह कर सकता है कि वे सरकार को विशेष अधिवेशन बुलाकर बहुमत सिद्ध करने का निर्देश दें। यदि ऐसा होता है तो सदन में भाजपा का पलड़ा भारी रहेगा।
उद्धव के लिए सदन में बहुमत सिद्ध करना हो सकता है मुश्किल
माना जा रहा है कि बागियों का यह पत्र मिलने के बाद राज्यपाल सरकार को विशेष अधिवेशन बुलाने का निर्देश देंगे। यदि राज्यपाल के निर्देश का पालन हुआ तो बागी गुट के सभी विधायक मुंबई आकर अधिवेशन में भाग ले सकते हैं। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए सदन में बहुमत सिद्ध करना मुश्किल हो सकता है।
भाजपा के पास इस समय निर्दलीय एवं छोटे दलों को मिलाकर 129 विधायक
लेकिन यदि शिवसेना के बागी विधायक मुंबई नहीं भी आएं, तो भी सदन में उद्धव सरकार के लिए बहुत सिद्ध करना आसान नहीं होगा। क्योंकि बागियों के बगैर सदन में बहुत का आंकड़ा 145 के बजाय 125 हो जाएगा। जबकि भाजपा के पास इस समय निर्दलीय एवं छोटे दलों को मिलाकर 129 विधायक हैं। इसलिए भाजपा को बिना कुछ किए ही सरकार गिराने का अवसर मिल सकता है।
भाजपा हर गतिविधि पर रख रही है नजर
सोमवार शाम विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस के आवास पर हुई भाजपा कोर कमेटी की बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि बैठक में सरकार बनाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। भाजपा हर गतिविधि पर नजर रख रही है। वह वेट एंड वाच की भूमिका में है। जरूरत पड़ने पर पार्टी की कोर कमेटी की फिर बैठक होगी, और आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे।
मुंबई पहुंच सकते हैं एकनाथ शिंदेइस बीच खबर आ रही है कि बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक मुंबई पहुंच सकते हैं। उम्मीद है कि मुंबई आने के बाद वे सीधे राजभवन जाकर राज्यपाल को अपना पत्र देकर विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग कर सकते हैं।