कांग्रेस की चुनावी टीम-2024 के गठन में हो रही देरी, नई कार्यसमिति में आरक्षण लागू करने की जुगत में पार्टी
सामाजिक व क्षेत्रीय संतुलन बनाते हुए 50 फीसदी भागीदारी ओबीसी एससी-एसटी-महिलाएं और अल्पसंख्यकों को देना मल्लिकार्जुन खरगे के लिए संगठनात्मक परीक्षा की पहली कसौटी। कई राज्यों के प्रभारियों को बदले जाने के साथ 2024 की कांग्रेस की चुनावी टीम के गठन का भी है इंतजार।
By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Sat, 03 Jun 2023 09:29 PM (IST)
नई दिल्ली, संजय मिश्र। कांग्रेस की नई कार्यसमिति के गठन से पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव लागू करने की शुरूआत होगी। पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कार्यसमिति के नए सिरे से गठन के लिए राष्ट्रीय ही नहीं राज्यों के प्रमुख नेताओं के संभावित नामों को शार्टलिस्ट कर लिया गया है।
लेकिन संगठन में आरक्षण के प्रावधानों पर अमल के साथ-साथ क्षेत्रीय और सामाजिक समीकरणों के बीच संतुलन बनाना पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नजर नहीं आ रहा है और नई कार्यसमिति के गठन में हो रहे विलंब की एक वजह यह भी मानी जा रही है।
कार्यसमिति के गठन का इंतजार अब होने लगा लंबा
2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन की नई चुनावी टीम के साथ कार्यसमिति का गठन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की पहली बड़ी संगठनात्मक चुनौती है। पार्टी संगठन की नई टीम और कार्यसमिति के गठन को लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का इंतजार अब लंबा होने लगा है।
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत के तत्काल बाद से ही इसकी घोषणा की प्रतीक्षा की जा रही है। लेकिन पार्टी के शीर्षस्थ नेतृत्व की ओर से कार्यसमिति के नए सदस्यों के मनोनयन पर अंतिम मंथन किया जाना बाकी है।
खरगे के लिए चुनावी टीम का गठन अहम
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पूर्व कांग्रेस अध्यक्षों सोनिया गांधी व राहुल गांधी के विदेश से लौटने के बाद इस मुद्दे पर मंत्रणा करेंगे। इसके बाद ही नई कार्यसमिति के सदस्यों के नाम की घोषणा की जाएगी।
वहीं पार्टी के एक दूसरे वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि उदयपुर नवसंकल्प चिंतन शिविर में ओबीसी, एससी-एसटी, महिलाएं और अल्पसंख्यकों को संगठन में 50 फीसद आरक्षण देने की घोषणा पर अमल के चलते जातीय-सामाजिक संतुलन के साथ अधिक से अधिक राज्यों को प्रतिनिधित्व दिया जाने की कोशिश है जिसके चलते वक्त लग रहा है।
संगठन में आरक्षण के इस प्रस्ताव के साथ कांग्रेस ने इसमें 50 प्रतिशत हिस्सेदारी 50 साल से कम उम्र के युवा चेहरों को देन की भी घोषणा की थी और इसके लिए उदयपुर में पिछले साल मई में पार्टी के संविधान में संशोधन भी किया गया था।बताया जाता है कि शीर्ष संगठन को इसके अनुरूप नया स्वरुप देने के लिए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राष्ट्रीय व राज्यवार प्रमुख नेताओं की संभावित सूची बनाने का बुनियादी काम पूरा कर लिया है और हाईकमान के अंतिम चर्चा-मंथन के बाद इसे आकार दे दिया जाएगा।
रायपुर में फरवरी में हुए कांग्रेस महाधिवेशन में सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर कार्यसमिति के सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार पार्टी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दिया गया था। 2024 के चुनाव में अब एक साल से भी कम समय रह गया है और खरगे के लिए अपनी चुनावी टीम का गठन भी अहम है।
पार्टी के कुछ मौजूदा महासचिवों के साथ कई राज्यों के प्रभारियों को भी बदलने जाने की चर्चाएं हैं। वहीं महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी एचके पाटिल और तमिलनाडु के प्रभारी दिनेश गुंडू राव जैसे नेताओं के अब कर्नाटक सरकार में मंत्री बनने के बाद इन्हें संगठन से मुक्त किया जाना और नए चेहरों को इनकी जगह इन राज्यों को जिम्मेदारी देना भी तय माना जा रहा है।