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पहले से और मजबूत हुई दिल्ली- ढाका के रिश्तों की डोर, जानें- बांग्लादेश और भारत को क्या मिला

Pm Narendra Modi और Sheikh Hasina ने बांग्लादेश से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में गैस आपूर्ति शुरु करने की परियोजना का शुभारंभ किया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:19 PM (IST)
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पहले से और मजबूत हुई दिल्ली- ढाका के रिश्तों की डोर, जानें- बांग्लादेश और भारत को क्या मिला
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपनी संक्षिप्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि, 'दोनों देशों ने पूरी दुनिया के सामने पड़ोसी देशों के रिश्तों का बेहतरीन उदाहरण रखा है।'

दोनो प्रधानमंत्रियों की अगुवाई में हुई वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान और इन दोनो के समक्ष किये गये सात विभिन्न समझौतों को गौर से देखा जाए तो साफ होता है कि पीएम मोदी ने उक्त बात क्यों कही थी। संयुक्त बयान और विभिन्न समझौतों का लब्बो लुआब यही है कि भारत अगर अपना विशाल बाजार बांग्लादेश के लिए खोल कर उसे आर्थिक लाभ पहुंचाने को तैयार है तो पड़ोसी देश भी भारत की रणनीतिक चिंताओं को दूर करने के लिए तत्पर है।

भारत को क्या मिला

  • पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए बांग्लादेश से एलपीजी की आपूर्ति
  • बांग्लादेश की फेनी नदी से त्रिपुरा को जलापूर्ति
  • पाक को अलग थलग करने के लिए सार्क की जगह बिम्सटेक को बढ़ावा
  • बांग्लादेश की तटीय सुरक्षा की जिम्मेदारी यानी बंगाल की खाड़ी में चीन पर नजर
बांग्लादेश को क्या मिला

  •  घरेलू गैस भंडार के लिए भारत का तेजी से बढ़ता बड़ा बाजार
  • ईलाज व शिक्षा के लिए बांग्लादेशी नागरिकों को असानी से आने जाने की सुविधा
  • पोर्ट का इस्तेमाल बढ़ने से भारत से अतिरिक्त राजस्व
  • उत्पादों के लिए भारत का बड़ा बाजार, विशेष आर्थिक समझौते के आसार
  • जल्द से जल्द तीस्ता जल बंटवारे को लागू करने का आश्वासन
NRC और कश्मीर मुद्दे पर हुई बात

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दोनो नेताओं की अगुवाई में हुई द्विपक्षीय वार्ता में कश्मीर और NRC का मुद्दा भी उठा। हसीना ने NRC को लेकर अपनी चिंताएं जताई तो उन्हें बताया गया कि यह प्रक्रिया कानून सम्मत व अदालत के निर्देश के तहत हो रही है।

पिछले हफ्ते जब न्यूयार्क में उनकी पीएम मोदी से मुलाकात हुई थी तब भी यह मुद्दा उठा था। शेख हसीना ने तीस्ता जल बंटवारे का मुद्दा भी उठाया जिस पर पीएम मोदी ने जल्द से जल्द इस पर सहमति होने का आश्वासन दिया। उन्हें रोहिंग्याई समस्या से निबटने में भी पूरी मदद देने का ऐलान किया गया। प्याज निर्यात पर लगी पाबंदी का मुद्दा भी उठा तो वार्ता में शामिल वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वस्त किया कि निर्यात के जितने समझौते हुए हैं उनकी आपूर्ति अवश्य की जाएगी।

गैस परियोजना का किया शुभारंभ

मोदी और शेख हसीना ने बांग्लादेश से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में गैस आपूर्ति शुरु करने की परियोजना का शुभारंभ किया। बांग्लादेश के पास गैस का भरपूर भंडार है जिसे भारत को देने की बात पिछले दो दशकों से चल रही है। पूर्व यूपीए सरकार के कार्यकाल में बांग्लादेश से भारत तक गैस पाइपलाइन बिछाने की भी बात हुई थी लेकिन वहां काफी राजनीतिक विरोध होने की वजह से इसे टाल दिया गया। अभी ट्रकों के जरिए एलपीजी को भारत लाया जाएगा लेकिन आगे चल कर पाइपलाइन का भी विकल्प खुला है।

बांग्लादेश में रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

भारत जिस तेज गति से अपनी अर्थव्यवस्था को गैस आधारित बनाने की योजना रखता है उसमें बांग्लादेश का गैस भंडार पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अहम साबित होगा। पीएम मोदी ने इसे दोनो देशों के लिए फायदे वाला बताया और कहा कि इससे बांग्लादेश में रोजगार भी मिलेगा और अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी। सनद रहे कि भारत पहले ही इस पड़ोसी देश को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति शुरु करने के लिए एक पाइपलाइन बिछा रहा है।

बांग्लादेश और बंगाल की खाड़ी को सुरक्षा घेरा दे सकेगा भारत

दोनो देशों के बीच कुल सात समझौते हुए हैं लेकिन इसमें एक समझौता भारत के रणनीतिक हितों को देखते हुए दूरगामी असर वाला साबित होगा। यह है भारत की तरफ से ढाका को तटीय निगरानी राडार तंत्र मुहैया कराना। भारत इससे ना सिर्फ बांग्लादेश को एक प्रभावशाली सुरक्षा घेरा दे सकेगा बल्कि बंगाल की खाड़ी से लेकर अपने समूचे पूर्वी तट की निगरानी भी बेहतर तरीके से कर सकेगा। चीन की तरफ से भी बांग्लादेश को इस तरह का निगरानी तंत्र देने की कोशिश हो रही थी। वर्ष 2016 में चीन के राष्ट्रपति शी शिनफिंग जब ढाका गये थे तब उन्होंने बांग्लादेश की समुद्री सुरक्षा की बात कही थी।

बता दें कि इस तरह की व्यवस्था भारत ने अपने पूर्वी तट पर स्थित देश मालदीव को भी दी है। भारत बांग्लादेश को कई तरह के रक्षा उपकरण भी बेचना चाहता है और इसके लिए 50 करोड़ डॉलर की राशि बतौर कर्ज भी उपलब्ध कराई गई है।

विशेष आर्थिक समझौते

इस सदंर्भ में चाटोग्राम और मोंगला पोर्ट के इस्तेमाल को लेकर दोनो देशों के बीच शनिवार को किया गया समझौता भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। इससे पूर्वोत्तर के राज्यों से उत्पादों को भारत तक पहुंचाना आसान हो गया है। साथ ही भारतीय उत्पादों को वहां पहुंचाने में आसानी होगी। दोनो देशों के बीच आर्थिक संबंधों की अपार संभावनाओं को देखते हुए एक विशेष आर्थिक समझौते के मसौदे पर भी बात शुरु हो गई है।

साथ ही भारत बांग्लादेशी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपने बाजार को और खोलने को तैयार हो गया है। इस पर पीएम शेख हसीना ने खास तौर पर प्रसन्नता जताई है। वर्ष 2019 में बांग्लादेश से भारत को होने वाले निर्यात में 56 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

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