Delhi Services Bill: दिल्ली सेवा बिल पर संसद की मुहर; राज्यसभा में भी हुआ पारित, 131 सांसदों ने किया समर्थन
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सेवा विधेयक आपातकाल लगाने के लिए नहीं लाया गया है। दिल्ली में आप सरकार ने सतर्कता विभाग में अधिकारियों का तबादला कर दिया था क्योंकि शराब घोटाले की फाइलें उसके पास थीं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आप सरकार ने सतर्कता विभाग में तत्काल तबादलों का आदेश दिया क्योंकि यह सीएम हाउस के नवीनीकरण सहित घोटालों की जांच कर रहा था।
नई दिल्ली, पीटीआई: दिल्ली में सेवाओं से जुड़ा दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 सोमवार को संसद से पारित हो गया। राज्यसभा ने 102 के मुकाबले 131 मतों से पारित कर दिया। मतदान से पहले वोटिंग मशीन खराब हो गई और पर्चियों के जरिये मत विभाजन कराया गया।
VIDEO | Rajya Sabha passes Delhi Services Bill. 131 MPs vote in favour of the bill.
(Source: Third Party) pic.twitter.com/X1dGlW10QV
व्हील चेयर पर आए पूर्व प्रधानमंत्री
मतदान के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व्हील चेयर पर आए थे। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है। विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसे लाने का लक्ष्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन है। यह विधेयक किसी भी तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन नहीं करता।
उन्होंने कहा कि 2015 से पहले दिल्ली में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें थीं, लेकिन केंद्र के साथ कभी टकराव नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने संविधान में संशोधन कर संसद को सेवाओं सहित सभी विषयों पर दिल्ली के लिए कानून बनाने की शक्ति दी थी। लेकिन अब वह सिर्फ आम आदमी पार्टी को खुश करने के लिए विधेयक का विरोध कर रही है। कांग्रेस को लोकतंत्र पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
लोगों के अधिकार छीनने के लिए नहीं बिल
अमित शाह ने स्पष्ट किया कि दिल्ली सेवा विधेयक आपातकाल लगाने या लोगों के अधिकार छीनने के लिए नहीं लाया गया है। हम दिल्ली के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह विधेयक लाए हैं। दिल्ली में आप सरकार ने सतर्कता विभाग में अधिकारियों का तबादला कर दिया था क्योंकि शराब घोटाले की फाइलें उसके पास थीं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, आप सरकार ने सतर्कता विभाग में तत्काल तबादलों का आदेश दिया क्योंकि यह सीएम हाउस के नवीनीकरण सहित घोटालों की जांच कर रहा था।
आप सरकार नियमित रूप से दिल्ली कैबिनेट की बैठकें तक नहीं बुलाती। 2022 में केवल छह बैठकें ही हुईं, जिनमें से तीन बजट पर थीं और 2023 में अब तक केवल दो बैठकें हुई हैं।शाह ने कहा कि दिल्ली सेवा विधेयक इसलिए लाया गया क्योंकि आप सरकार नियमों का पालन नहीं करती।
आइएनडीआइए छोड़ देंगे केजरीवाल
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली सेवा विधेयक पारित होने के बाद आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल विपक्षी गुट के गठबंधन आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) छोड़ देंगे। विपक्षी दल अपने गठबंधन को बचाने के लिए ही दिल्ली सेवा विधेयक का विरोध कर रहे हैं।
शाह ने कहा, अगर और अधिक पार्टियां भी आइएनडीआइए में शामिल हो जाएं तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि 2024 में नरेन्द्र मोदी ही फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और उसके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है। सरकार 11 अगस्त को भी मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है।