कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आरोप को सिरे से खारिज कर भाजपा पर पीएफआई की राजनीतिक इकाई के साथ गठबंधन में कर्नाटक में चुनाव लड़ने का आरोप लगाया। दरअसल शाह ने सिंह पर पीएफआई पर प्रतिबंध और संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को मौत की सजा का विरोध करने के अलावा भगवा आतंकवादी शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
पीटीआई, भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आरोप को सिरे से खारिज कर भाजपा पर पीएफआई की राजनीतिक इकाई के साथ गठबंधन में कर्नाटक में चुनाव लड़ने का आरोप लगाया।
सिंह, मध्य प्रदेश के राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार हैं। उन्होंने शुक्रवार को राजगढ़ लोकसभा सीट के अंतर्गत खिलचीपुर में एक रैली को संबोधित किया। इस रैली के दौरान सिंह ने स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के संबंध में शाह के आरोप पर पलटवार किया और कहा कि उन्होंने एमपी के मुख्यमंत्री रहते हुए इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था।
'17 बार मेरा लिया नाम और 8 बार बोला झूठ'
दरअसल, अमित शाह ने सिंह पर पीएफआई पर प्रतिबंध और संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को मौत की सजा का विरोध करने के अलावा 'भगवा आतंकवादी (भगवा आतंक)' शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। इसी पर पलटवार करते हुए सिंह ने अमित शाह के 8 झूठ गिनवा दिए और 17 बार उनका नाम लेने का भी दावा किया।
मुस्लिम लोन से लेकर भगवा आतंकवाद पर क्या बोली कांग्रेस?
शाह ने दावा किया कि मुसलमानों के लिए व्यक्तिगत ऋण कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल
सिंह ने कहा- कांग्रेस के घोषणापत्र में 'मुस्लिम पर्सनल लोन' का कोई जिक्र नहीं
शाह का दावा- सिहं ने किया 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमालसिंह ने कहा- कभी भी 'भगवा आतंकवाद' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है जैसा कि शाह का दावा है
अफजल गुरु का विरोध से लेकर PFI पर प्रतिबंध को लेकर कांग्रेस
शाह- सिंह ने कभी भी अफजल गुरु की फांसी का विरोध नहीं कियासिंह का दावा - गुरु को जल्द से जल्द फांसी देने का समर्थन किया था
सिंह का भाजपा पर इस्लामिक चरमपंथी संगठन के साथ गठबंधन में कर्नाटक में स्थानीय चुनाव लड़ने का आरोप लगायासिंह ने कहा- 'अमित शाह ने झूठ बोला कि दिग्विजय सिंह ने पीएफआई पर प्रतिबंध का विरोध किया था।'
कांग्रेस का दावा- सिमी पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले व्यक्ति
शाह- सिंह ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध का विरोध किया थासिंह ने कहा- कभी भी पीएफआई पर प्रतिबंध का विरोध नहीं किया
वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान सिमी पर प्रतिबंध लगाने वाले पहले व्यक्ति थे।
कोविड वैक्सीन का विरोध को लकेर कांग्रेस का जवाब
शाह- कोविड महामारी के दौरान सिंह ने टीकाकरण का विरोध कियासिंह का दावा- कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की थी कभी भी टीकाकरण का विरोध नहीं किया
7 मई को मतदान, उससे पहले भाजपा और कांग्रेस की जुबानी जंग
सिंह ने 1984 और 1991 में राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। उनका गृहनगर राघौगढ़ इस संसदीय सीट के अंतर्गत आता है, जहां 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा। भाजपा ने राजगढ़ सीट से मौजूदा सांसद रोडमल नागर को फिर से उम्मीदवार बनाया है। सिंह ने 2019 का लोकसभा चुनाव भोपाल से लड़ा था जहां भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उन्हें लगभग 3.65 लाख वोटों से हराया था।
शाह ने कि सिंह की विदाई तो भड़की कांग्रेस
बता दें कि कांग्रेस नेता ने शाह की 'राजनीति से विदाई' वाली टिप्पणी का भी जवाब दिया। दरअसल, वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा था कि 'समय आ गया है कि उन्हें राजनीति से स्थायी विदाई दी जाए।‘आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले’। उन्हें भारी अंतर से हराएं और घर बैठाएं।'सिंह ने दावा किया कि शाह ने लोगों से उनका जनाजा (अंतिम संस्कार) निकालने के लिए कहा। उन्होंने कहा 'इसका मतलब है कि बीजेपी नेता मेरा जनाजा निकालना चाहते हैं!! और क्यों? क्योंकि मुझे आप सभी की परवाह है। अगर मैं चाहता तो चुनाव लड़ने से इनकार कर देता लेकिन मेरे गृह क्षेत्र के लोगों की उपेक्षा ने मुझे यह चुनाव लड़ने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि वह अपनी आखिरी सांस तक लोगों के लिए लड़ते रहेंगे।'
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