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'कुछ लोगों से मछली न खरीदें, बचकर रहें', CM हिमंत ने असम के लोगों को क्यों किया अलर्ट?

सीएम हिमंत ने असम के लोगों को सलाह दी है कि लोग ऐसे लोगों से मछली न खरीदें जो व्यापार बढ़ाने के लिए शॉर्टकट का रास्ता अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि मछली उत्पादन बढ़ाने के जैविक तरीके हैं। गौरतलब है कि सीएम हिमंत ने किसी धर्म या जाति का नाम नहीं लिया लेकिन बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका निशाना मियां मुसलमानों के लोगों पर था।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 05 Sep 2024 09:11 AM (IST)
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असम के लोगों में बढ़ती किडनी की बीमारियों परव चिंता जताई।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि नागांव और मोरीगांव में मछली पालन करने वालों लोगों की वजह से  किडनी की बीमारियां बढ़ रही है। उन्होंने दावा किया कि इन दो जिलों में मछली पालन में यूरिया का इस्तेमाल काफी ज्यादा हो रहा है। बड़ी संख्या में अप्रवासी मुसलमान मछली पालन के व्यापार से जुड़े हैं।

मछली उत्पादन के लिए जैविक तरीका अपनाएं व्यापारी: सीएम

सीएम हिमंत ने असम के लोगों को सलाह दी है कि लोग ऐसे लोगों से मछली न खरीदें जो व्यापार बढ़ाने के लिए शॉर्टकट का रास्ता अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि मछली उत्पादन बढ़ाने के जैविक तरीके हैं।

गौरतलब है कि सीएम हिमंत ने किसी धर्म या जाति का नाम नहीं लिया, लेकिन बयान से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनका निशाना 'मियां मुसलमानों' के लोगों पर था, जो बढ़ी संख्या में राज्य में मछलियों का व्यापार करते हैं। बता दें कि 'मियां' शब्द बांग्लादेश से आए अप्रवासी मुसलमानों के लिए किया जाता है।

जुम्मा ब्रेक को लेकर मचा है सियासी घमासान 

बता दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में दो घंटे के ब्रेक को बंद करने का फैसला किया है। इस मुद्दे को लेकर राज्य में सियासत काफी गरमाई हुई है। 

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