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Mohan Yadav: बिहार में तेजस्वी तो यूपी में बढ़ेंगी अखिलेश की मुश्किलें? मोहन यादव को सीएम बनाकर बीजेपी ने साधे कई निशाने

MP Election 2023 मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के आठ दिन बाद बीजेपी ने सीएम के नाम का एलान कर दिया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में मोहन यादव को मुख्यमंत्री घोषित किया गया। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने एमपी के साथ-साथ बिहार और यूपी के यादव वोटरों को साधने के लिए मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंपने का निर्णय लिया है।

By Mohd FaisalEdited By: Mohd FaisalUpdated: Tue, 12 Dec 2023 09:28 AM (IST)
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बिहार में तेजस्वी तो यूपी में बढ़ेंगी अखिलेश की मुश्किलें? मोहन यादव को सीएम बनाकर बीजेपी ने साधे कई निशाने
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के आठ दिन बाद बीजेपी ने सीएम के नाम का एलान कर दिया है। सोमवार को भोपाल में पार्टी मुख्यालय में हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में मोहन यादव को मुख्यमंत्री घोषित किया गया। RSS नेता रहे मोहन यादव मध्य प्रदेश प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री होंगे।

माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने एमपी के साथ-साथ बिहार और यूपी के यादव वोटरों को साधने के लिए ओबीसी वर्ग से आने वाले मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंपने का निर्णय लिया है।

2024 पर है BJP का फोकस

दरअसल, बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का पूरा फोकस अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर है। उत्तर भारत के कई राज्यों में जातिगत वोटर अहम भूमिका निभाता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली प्रचंड जीत को बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व लोकसभा चुनाव में भी दोहराना चाहता है। इसलिए पार्टी ने पहले छत्तीसगढ़ के सीएम के नाम को लेकर चौंकाया और फिर मध्य प्रदेश की कमान यादव समाज से आने वाले मोहन यादव को देने का फैसला किया।

यूपी और बिहार में निर्णायक भूमिका निभाता है यादव वोटर

बीजेपी ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाकर एक साथ कई निशाने साधे हैं। एमपी से सटे यूपी और बिहार में यादव वोटर काफी अहम भूमिका में है। यूपी में अखिलेश यादव की सपा मुख्य विपक्षी दल है तो वहीं बिहार में लालू यादव की पार्टी सत्ता में है। बीजेपी ने मोहन यादव को सीएम बनाकर यादव बहुल उत्तर प्रदेश और बिहार को भी साधा है। यहां यादव समाज के लोग बड़ी संख्या में हैं।

यूपी-बिहार के पास है केंद्र की सत्ता की चाबी

  • कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी और बिहार से होकर ही गुजरता है।
  • उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 और बिहार में 40 सीट हैं।
  • यूपी में लोकसभा की 80 सीट होने की वजह से केंद्र की सरकार बनाने में प्रदेश की बड़ी भूमिका होती है।
  • यहां ओबीसी वर्ग की जनसंख्या 54 प्रतिशत है। जिसमें 20 प्रतिशत यादव समाज से ताल्लुक रखते हैं।
  • वहीं, बिहार में 14 प्रतिशत लोग यादव समाज से आते हैं। यहां ओबीसी की आबादी 63 प्रतिशत है।
  • यूपी में अखिलेश यादव की पार्टी का यादव समाज से जुड़ाव है, तो बिहार में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद की सरकार बनती रही है।
  • साल 2024 में होने वाले लोकसभा और बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में यादव वोटर को साधने के लिए बीजेपी ने मध्य प्रदेश में यादव चेहरे को सीएम बनाया है।
  • भाजपा संगठन ने यह संदेश दिया है कि पार्टी ओबीसी वर्ग में भी सभी समाज के लोगों को आगे लाना चाहती है।

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विधायक दल की बैठक में क्या हुआ?

बता दें कि सोमवार को जब एमपी में बीजेपी विधायक दल की बैठक शुरू हुई तो कई नामों को लेकर चर्चाएं जोरों पर थी। हालांकि, शिवराज सिंह चौहान ने ओबीसी वर्ग से आने वाले मोहन यादव का नाम विधायक दल के नेता के लिए रखा। वहां मौजूद पार्टी नेताओं ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। केंद्रीय नेतृत्व के फैसले से वहां मौजूद हर कोई नेता चौंक गया। हालांकि, सभी ने मोहन यादव के नाम के प्रस्ताव का समर्थन किया। इसके पहले एमपी में उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान भी ओबीसी वर्ग से मुख्यमंत्री थे, लेकिन वह सभी अलग-अलग समाज से थे।

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